सामान्य ज्ञान

अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 13 अक्टूबर, 1999 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को सरकार बनी तो उसने विनिवेश की दिशा में कई अहम क़दम उठाए। सबसे पहले 10 दिसंबर, 1999 को विनिवेश विभाग का गठन किया गया और बाद में 6 सितंबर, 2001 को अलग से विनिवेश मंत्रालय गठित कर दिया गया और अरुण शौरी को इस मंत्रालय की जि़म्मेदारी सौंप दी गई।
वाजपेयी सरकार ने पर्यटन विकास निगम के कई होटलों में विनिवेश किया, लेकिन बाद में उसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। दरअसल, विनिवेश प्रक्रिया के जरिए सरकार अपने शेयर किसी और पक्ष को बेचकर संबंधित कंपनी की मिल्कियत से भी छुटकारा पा जाती है और उसे दूसरी योजनाओं पर ख़र्च करने के लिए धन भी मिल जाता है। कहा जा सकता है कि विनिवेश किसी कंपनी का आंशिक निजीकरण होता है। शुरुआत में तय किया गया था कि सरकार घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनियों का विनिवेश करेगी, पर बाद में मुनाफ़े में चल रही कंपनियों के विनिवेश के प्रस्ताव भी सामने आए।