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बिल गेट्स आरबीआई गवर्नर से मिले...
03-Mar-2023 3:53 PM
बिल गेट्स आरबीआई गवर्नर से मिले...

-गिरीश मालवीय
बहुत से लोग आश्चर्य कर रहे हैं कि बिल गेट्स ने भारत आकर सबसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास से मुलाकात की! लेकिन मुझे इस बात का बिलकुल भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि कुछ साल पहले ही आपको बता चुका हूं कि नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी ही बिल गेट्स के इशारों पर की थी।

कल शाम रिजर्व बैंक ने ट्वीट किया, ‘‘श्री गेट्स आज आरबीआई, मुंबई आए और उन्होंने गवर्नर के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।’’ दुनिया का इतना बड़ा पूंजीपति आता है और सीधा आरबीआई गवर्नर से मिलता है तो उसके दिमाग में क्या चल रहा है ये समझना बहुत जरूरी है!

बिल गेट्स के भारत के रिजर्व बैंक से संबंध कई साल पुराने है नचिकेत मोर 2016 में भारत मे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के भारत में प्रमुख थे जो 2019 तक उसी पद पर रहते हुए रिजर्व बैंक के डिप्टी डायरेक्टर तक बने रहे।
 
2015 दिसंबर में भी बिल गेट्स भारत आए थे नवभारतटाइम्स.कॉम में एक खबर छपी थी शीर्षक था .... ‘डिजिटल फाइनेंशियल इन्क्लूजन के मामले में दुनिया को राह दिखाएगा भारत- बिल गेट्स।’ 

बिल गेट्स की मौजूदगी में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने उस वक्त अपने एक वक्तव्य में कहा कि "भारत को कैशलेस सोसायटी बनाने का ढांचा तैयार है, लेकिन लोगों की व्यवहार बदलने में थोड़ा वक्त लगेगा।’

जी हां ‘कैशलेस सोसायटी’...यही जुमला आपने नोटबंदी के ठीक बाद नरेंद्र मोदी जी के मुंह से सुना होगा।

दरअसल नकदी, यानी कैश ही व्यक्तिगत स्वायत्तता का आखिरी क्षेत्र बचा है... इसमें ऐसी ताकत है जिसे सरकारें नियंत्रित नहीं कर सकतीं, इसलिए इसका खात्मा जरूरी है।

नोटबंदी के जरिए ठीक यही 
करने की कोशिश की गई
2012 में विश्व में ‘बेटर दैन कैश एलायंस’ लांच किया गया, इस एलायंस में 80 देश आते है जिसमे भारत भी एक है भारत ने 1 सितम्बर 2015 को इस संगठन की सदस्यता ली थीं और जन धन अभियान चलाकर बड़े पैमाने पर बैंक खाते खोले गए। 
बेटर दैन कैश एलायंस दरअसल इन्ही बिल गेट्स का ब्रेन चाइल्ड है उसके साथ वीजा, मास्टरकार्ड, सिटीग्रुप, ओमिडयार नेटवर्क, फ़ोर्ड फाउंडेशन और अमेरिकी सरकार की संस्था यूएसएआईडी इस एलायंस मे हिस्सेदार है। 

इसके अंतर्गत यह बताया जाता है कि कई कारणों से नकदी छापना, उसकी निगरानी, भंडारण, चलन को नियंत्रित करना महँगा है और इससे भी बढक़र कैशलेस सोसायटी सरकारों को जनता पर और अधिक नियंत्रण का मौका देता है।

कैशलेस समाज का असली मकसद है सम्पूर्ण नियंत्रण : चौतरफा नियंत्रण और इसे हमारे सामने ऐसे आसान और कारगर तरीके के रूप में पेश किया जाएगा जो हमें अपराध से मुक्ति दिलाएगा यानी फासीवाद को चाशनी में लपेटकर पेश किया जाएगा।

भारत में कोई डेटा सुरक्षा कानून नहीं है, न ही बनाया जा रहा है जिससे मुद्रा का डिजिटलीकरण उसकी ट्रेकिंग करना बहुत आसान हो जाता है। बिल गेट्स को भारत की यही बात सबसे अधिक पसंद हैं आधार कार्ड और कोरोना टी के के जरिए हेल्थ आईडी बनाकर लोगों की डिजीटल पहचान दर्ज की जा चुकी है ये स्कीम भी बिल गेट्स के निर्देशन में लाई गई थी। 

सच यह है कि 2030 तक जो न्यू वल्र्ड ऑर्डर के लागू होना है उसमें नकदी का चलन सबसे बड़ी दिक्कत है आज भी भारत में नकदी दुनिया के किसी भी और देश से कहीं ज्यादा इस्तेमाल की जाती है और इसी दिक्कत को दूर करने के लिए बिल गेट्स आए हैं।

बिल गेट्स आरबीआई गवर्नर से मिले है तो संभव है जल्द ही आपको  नोटबंदी सरीखी एक और सर्जिकल स्ट्राइक देखने को मिले।

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