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रायपुर, 18 मार्च। छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य के इलाके में कोयला खदानों के ऊपर हजारों बरस पुराने जंगलों को काटने की तरह-तरह की मुहिम चल रही है, और वहां के आदिवासी लगातार इसके खिलाफ बरसों से आंदोलन कर रहे हैं। इन खदानों से देश की सबसे विवादास्पद कंपनी अडानी का नाम भी जुड़ा हुआ है क्योंकि सरकारों को मिले कोल ब्लॉक अडानी को ही खोदने और चलाने के लिए दे दिए गए हैं। यह मामला दस-बारह बरस से खबरों में बना हुआ है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों में फेरबदल के बाद भी सब कुछ अडानी की मर्जी के मुताबिक होने का खतरा बना हुआ है। इस पूरे मामले पर छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के एक प्रमुख आंदोलनकारी आलोक शुक्ला से एक लंबी बातचीत की गई है जिससे इस मामले की कानूनी, राजनीतिक, और कारोबारी, सभी किस्म की जटिलताओं का भांडाफोड़ होता है। इस अखबार छत्तीसगढ़ के संपादक सुनील कुमार के साथ हुई इस लंबी बातचीत को इस वीडियो पर देखें।