सामान्य ज्ञान

असम प्रदेश में गुवाहाटी से 10 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है कामाख्या। यह पर्वत, जिस पर मंदिर स्थित है, कामगिरिया नीलांचल कहलाता है। महाभारत काल में राजा नरकासुर ने यहां पर मंदिर बनवाया था। माना जाता है कि प्राचीन मंदिर को काला पहाड़ ने तोड़ दिया था। वर्तमान मंदिर कूचविहार के राजा ने बनवाया था। इस मंदिर मेेंं कोई मूर्ति नहीं है। देवी भागवत के अनुसार जब भगवान शंकर , सती के शव को कंधे पर उठाकर उन्मत्त भ्रमण कर रहे थे, तब उनका मोहभंग करने के लिए भगवान विष्णु ने शव के विभिन्न टुकड़े कर दिए। पृथ्वी पर जहां-जहां सती के अंग गिरे , उस स्थान को शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि कामाख्या में सती का योनिमंडल गिरा था।
कामाख्या तांत्रिकों की आराध्या है। शाक्त और शैव दोनों इस मानते हैं। यहां पर चैत्र और आश्विन की नवरात्रियों में यात्रियों की सबसे अधिक भीड़ होती है।