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राजस्थान सरकार के 'स्वास्थ्य का अधिकार' क़ानून को वापस लेने की मांग को लेकर जयपुर में हज़ारों डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "राइट टू हेल्थ में हेल्थ तो है ही नहीं. सरकार सिर्फ़ ये कहना चाह रही है कि सरकारी अस्पताल नाकाम हैं, सक्षम नहीं हैं, आप प्राइवेट अस्पताल में जाएं, इलाज कराएं लेकिन पैसे न दें, वो हम देख लेंगे."
"आप हमें बिज़नेसमैन कहते हैं, कई सारे टैक्स हैं हमारे ऊपर. हमें स्टाफ़ को पैसे देने हैं, लोन चुकाने हैं, हम फ़्री में ईलाज कैसे कर सकते हैं."
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार मोहर सिंह मीणा के मुताबिक इस बिल के तहत कोई भी अस्पताल इलाज के लिए मरीज को इनकार नहीं कर सकेगा. इमरजेंसी में आने वाले मरीज के इलाज के भुगतान नहीं करने की स्थिति में होगा तो सरकार उसका भुगतान करेगी.
डॉक्टर बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वह इसलिए विरोध कर रहे हैं कि बिल में भुगतान करने समेत कई बातों का स्पष्टीकरण नहीं है.
हालांकि, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में कहा है कि नियम बनाएंगे उसमें सभी बातें स्पष्ट होंगी. मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स के साथ हुई वार्ता में उनकी सभी बातों को बिल में शामिल किया गया है. (bbc.com/hindi)