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सीबीआई ने कहा है कि वो मेहुल चोकसी के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस को फिर से लागू करने के लिए सभी तरह के रेमिडियल और अपील के विकल्पों का इस्तेमाल करेगा.
सीबीआई ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा कि "इंटरपोल ने 2018 में सीबीआई और ईडी के आवेदन पर ही रेट नोटिस जारी किया था."
"इंटरपोल के रेड नोटिस जारी करने से पहले ही मेहुल चिनूभाई चोकसी का पता लगा लिया गया था और उसके प्रत्यर्पण के लिए कदम भी उठाए गए थे. हालांकि रेड नोटिस का प्राथमिक उद्देश्य पहले ही हासिल कर लिया गया था, लेकिन एहतियातन इसे बरकरार रखा गया था."
"मेहुल चिनूभाई चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही एंटीगा और बारबुडा में चल रही है,ध्यान भटकाने के लिए मेहुल चिनूभाई चोकसी पूरी तरह से मनगढ़ंत और काल्पनिक बातों के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से संपर्क कर रहा था."
"यह स्पष्ट किया जाता है हताश वांछित अपराधी मेहुल चिनूभाई चोकसी भारत में कानून की प्रक्रिया से बचने के लिए एंटीगा और बारबुडा में चल रही प्रत्यर्पण कार्यवाही को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश कर रहा है. हालांकि, केवल काल्पनिक अनुमानों और अप्रमाणित अनुमानों के आधार पर, पांच सदस्यीय सीसीएफ (कंट्रोल ऑफ़ इंटरपोल्स फ़ाइल्स) ने रेड नोटिस को हटाने का निर्णय लिया है, जिसकी सूचना नवंबर, 2022 में दी गई थी."
सीबीआई ने अपने बयान में कहा कि वो सीसीएफ को इसके बाद से ही गड़बड़ियों और इस फ़ैसले तक पहुंचने के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं की ख़ामियों को लेकर बात कर रहा है.
उन्होेंने कहा, "सीबीआई इंटरपोल में मौजूद सुधार और अपील के सभी तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है ताकि इंटरपोल इस गलत फ़ैसले को सही करे और फिर से रेड नोटिस जारी करे."
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस डेटाबेस से हटाने की ख़बरों पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है.
मेहुल चोकसी 13 हज़ार करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में वांटेड हैं.
कांग्रेस ने इस मामले पर ट्वीट किया, "पीएम मोदी का चहेता मेहुल 'भाई' चोकसी अब वांटेड नहीं रहा. भगोड़े मेहुल चोकसी के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस हटा लिया है. पीएम मोदी जवाब दें कि आपके 'मेहुल भाई' को देश वापस कब लाया जाएगा. पाँच साल से फ़रार है, अब और कितना वक्त चाहिए?" (bbc.com/hindi)