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सुचित्र मोहंती
नई दिल्ली, 22 मार्च । बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों की सज़ा पूरी होने से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट विशेष बेंच के गठन पर तैयार हो गया है.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने बिलकिस बानो की ओर से पेश वकील शोभा गुप्ता को आश्वासन दिया कि मामले की सुनवाई के लिए नई पीठ गठित की जाएगी.
गुजरात सरकार ने 10 अगस्त, 2022 को बलात्कार और हत्या के मामले में उम्र कैद की सज़ा काट रहे दोषियों को रिहा करने का आदेश जारी किया था.
साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के पास रनधिकपुर गांव में एक भीड़ ने पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया था.
उनकी तीन साल की बेटी सालेहा की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, "हमें दो बेंचों को बांटने की ज़रूरत है. आज शाम इसपर विचार किया जाएगा."
बिलकिस बानो की वकील इससे पहले भी मामले की जल्द सुनवाई की अपील कर चुकी हैं.
इससे पहले 24 जनवरी को रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि इससे जुड़े जज संविधान पीठ के तौर पर किसी अन्य मामले की सुनवाई कर रहे थे.
रिहाई के ख़िलाफ़ याचिका के अलावा बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए आदेश पर पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी.
इसमें सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से दोषियों में से एक की जल्द रिहाई के लिए दी गई याचिका पर विचार करने को कहा था.
हालांकि, बिलकिस बानो की ये रिव्यू पीटिशन बीते साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
रिहा किए गए 11 दोषियों को दोबारा जेल भेजने के लिए भी कुछ जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं. (bbc.com/hindi)