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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 मार्च। जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए अयोग्य पाए जाने पर दायर की गई एक याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पूर्व में दिया गया स्थगन समाप्त हो गया है और नए सदस्यों की नियुक्ति का रास्ता खुल गया है।
हाईकोर्ट में अधिवक्ता अजय कुमार द्विवेदी ने एक याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने कहा था जिला उपभोक्ता फोरम कोरबा के सदस्य के लिए दिया गया उनका आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि उन्होंने जिला न्यायाधीश अथवा जिला विधिक सहायता प्राधिकरण का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। जबकि उन्होंने हाई कोर्ट अधिवक्ता संघ का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जो मान्य है। प्रथम सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्यों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। यह परिस्थिति तब उत्पन्न हुई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ सहित 11 राज्यों को 4 सप्ताह के भीतर जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति का आदेश दिया था।
22 मार्च को अधिवक्ता अजय कुमार द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता श्याम सुंदर लालचंदानी और राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता संदीप दुबे के तर्कों को जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने सुना। शासन की ओर से बताया गया की नियुक्ति की प्रक्रिया कोई त्रुटि नहीं है। जिला न्यायाधीश अथवा जिला विधिक सहायता प्राधिकरण का अनुभव प्रमाण पत्र से आवश्यक है ताकि जिला न्यायालय में पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सके। साथ ही प्रत्येक अधिवक्ता के संबंध में जिला न्यायाधीश को जिला अधिवक्ता संघ से जानकारी प्राप्त की जा सके। सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने अजय कुमार द्विवेदी की याचिका को निरस्त कर दिया। अब इसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करेगी।