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Twitter/Nitin Gadkari
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में अगले छह महीने के भीतर कई टेक्नोलाॅज़ी के सहयोग से मौजूदा टोल सिस्टम को बदलकर जीपीएस आधारित टोल सिस्टम लागू कर दिया जाएगा.
शुक्रवार को नई दिल्ली में सीआईआई के एक कार्यक्रम में कारोबारियों को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने ये बातें कही हैं.
उन्होंने कहा कि इस पहल से सड़क पर ट्रैफिक दबाव कम करने और वाहन चालकों को दूरी के अनुसार ही भुगतान करने में मदद मिलेगी.
इस कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि नेशनल हाइवे को नियंत्रित करने वाली सरकारी संस्था एनएचएआई को टोल संग्रह से फिलहाल 40 हज़ार करोड़ रुपये सालाना की कमाई हो रही है.
उन्होंने दावा किया है कि अगले दो तीन सालों में एनएचएआई की यह आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अभी एक पायलट प्रोजेक्ट का संचालन कर रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसके तहत ऑटोमैटिक कैमरों के ज़रिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकाॅग्निशन सिस्टम लागू की जा रही है, जिससे कि बिना गाड़ियों को रोके ही टोल अपने आप ही कट जाएगा.
फास्टटैग लागू होने से पहले, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान टोल प्लाज़ा पर आठ मिनट का औसत वेटिंग टाइम था, लेकिन 2020-21 और 2021-22 के दौरान यह समय घटकर 47 सेकेंड रह गया है. (bbc.com/hindi)