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विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बीते बुधवार इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के डायमंड जुबली कार्यक्रम में दक्षिण एशिया को एकजुट करने पर अहम बयान दिया है.
एस जयशंकर ने कहा है, "ये कार्यक्रम दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय महत्व को रेखांकित करते हुए एक अहम संदेश देता है कि हमें एकजुट होकर रहने की ज़रूरत क्यों है. फिर चाहें हम जश्न के मौकों पर साथ आएं या मुश्किलों के मौकों पर.”
दक्षिण एशिया में पाकिस्तान से लेकर श्रीलंका और बांग्लादेश इस समय ख़राब आर्थिक हालात का सामना कर रहे हैं.
नाम लिए बग़ैर भारत के पड़ोसी देशों का ज़िक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “ये क्षेत्र बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है. हम अपने पड़ोसियों की ओर देख सकते हैं. हमारे कई पड़ोसी देश समस्याओं से जूझ रहे हैं जिसके लिए वह ज़िम्मेदार नहीं हैं. ऐसे में हमें इस मौके पर एक साथ खड़े होने की ज़रूरत है.”
इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की नेबरहुड पॉलिसी पर भी अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह नीति उनकी सरकार के लिए सिर्फ़ एक नारा भर नहीं है.
एस जयशंकर ने कहा, “जब हम विदेश नीति पर बात करते हुए ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति का ज़िक्र करते हैं तो ये सिर्फ़ नारा भर नहीं है. ये ऐसी चीज़ नहीं है जो रिपोर्ट में डाली जानी होती है. ये नीति इस क्षेत्र में एकदूसरे के साथ खड़े होने के महत्व को रेखांकित करने की व्यावहारिक ज़रूरत का परिणाम है.“
उन्होंने कहा, “हमें एकदूसरे के साथ खड़े होने, एकदूसरे का समर्थन करने, एकदूसरे की मदद करने और एक व्यापक पड़ोस बनाने की ज़रूरत है जहां भारत की समृद्धि एक तरह से सबके लिए मददगार साबित हो."