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नई दिल्ली, 1 अप्रैल । भारत में बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए शुरू किए गए 'प्रोजेक्ट टाइगर' के आज 50 साल पूरे हो गए हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बाघों को बचाने की इस मुहिम में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रयासों को याद करते हुए एक ट्वीट किया है.
अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने लिखा, "गिर लायन प्रोजेक्ट लॉन्च करने के 15 महीने बाद, आज से ठीक 50 साल पहले इंदिरा गांधी ने जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी."
उनके अनुसार, "उस वक्त देश में 9 टाइगर रिजर्व थे. आज ये 53 हैं. उनके लिए बाघ और जंगल बचाना एक ही बात थी. आज देश के समृद्ध वन क्षेत्रों के एक तिहाई क्षेत्रों पर टाइगर रिज़र्व हैं."
विलुप्ति से बचाने के लिए राष्ट्रीय पशु बना बाघ
आज़ादी के बाद सिंह को भारत का राष्ट्रीय पशु बनाया गया था. लेकिन बाघों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशु बदलने का फैसला किया गया.
इसके तहत, 1973 में सिंह की जगह पर बाघ को राष्ट्रीय पशु बना दिया गया.
सरकार ने पिछले साल उत्तर प्रदेश में एक नया टाइगर रिज़र्व बनाने का एलान किया.
रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के शामिल होने के बाद अब देश में टाइगर रिज़र्व की संख्या बढ़कर 54 हो गई है.
दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में
50 साल पहले भारत से विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच चुके बाघों की संख्या अब ख़ासी बढ़ चुकी है.
कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि 2018 में हुई बाघों की गणना के अनुसार, भारत में बाघों की आबादी बढ़कर 2,967 हो गई.
सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी के अनुसार, दुनिया के कुल बाघों की 70 फीसदी संख्या भारत में है. (bbc.com/hindi)