सामान्य ज्ञान

विश्व भर में 2 अप्रैल को विश्व आटिज्म जागरुकता दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2016 का विषय है - आटिज्म एवं 2030 एजेंडा- समावेशन एवं न्यूरोडाइवर्सिटी।
विश्व आटिज्म दिवस का आयोजन विश्व भर में किया जाता है जिसमें संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों को आटिज्म से ग्रसित बच्चों के प्रति जागरुक करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र की आमसभा के प्रस्ताव 62/139 द्वारा निर्धारित किया गया। विश्व आटिज्म जागरुकता दिवस के लिए 1 नवम्बर 2007 को प्रस्ताव पारित किया गया तथा इसे 18 दिसंबर 2007 को अपनाया गया। विश्व आटिज्म दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा आरंभ किये गये चार विशिष्ट स्वास्थ्य दिवसों में से एक है।
ऑटिज्म एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर है जो बच्चे की बोलने के क्षमता, लेखन क्षमता एवं मौखिक बातचीत की क्षमता को कम कर देता है। इसे ऑटिस्टिक स्पैक्ट्रम डिस्ऑर्डर कहा जाता है, प्रत्येक बच्चे में इसके लक्षण अलग-अलग देखने को मिलते हैं। आटिज्म पर्यावरण या जेनेटिक प्रभाव के कारण भी हो सकता है।