सामान्य ज्ञान
लैमार्क या जीन बैप्टिस्ट पियेर आंत्वान द मॉनेट शीवेलियर द, फ्रांसीसी जैव विज्ञानी थे। लामार्क प्रथम वैज्ञानिक थे, जिन्होंने कशेरुकी और अकशेरुकी जीवों में भेद किया और सर्वप्रथम इनवर्टीब्रेट शब्द का उपयोग किया। 1802 ई. में उन्होंने जीव, या पौधों के अध्ययन के लिए बायोलोजी शब्द का उपयोग किया। इन्होंने मौसम विज्ञान और मौसम की पूर्वसूचनाओं से संबंधित वार्षिक रिपोर्टों का भी प्रकाशन किया था। ये विकासवाद के जन्मदाता हैं। इनका विकासवाद का सिद्धांत लामार्कवाद कहलाता है।
लैमार्क का जन्म 1 अगस्त, 1774 को बैजेंटाइन के पिकार्डी में हुआ था। 17 वर्ष की आयु में ये सेना में भर्ती हो गए और सन् 1763 में सैनिक जीवन त्याग कर पैरिस चले गए, जहां उन्होंने वनस्पतिशास्त्र का अध्ययन किया। 1778 ई इनकी फ्लोर फ्रैंशाइज नामक पुस्तक प्रकाशित हुई। इसके दूसरे वर्ष एकेडेमी सायंस के वनस्पति विभाग में इनकी नियुक्ति हो गई, पर ये इसे छोडक़र समकालीन, फ्रांसीसी, प्राकृतिक विज्ञानी, बुफॉन के पुत्रों के साथ यात्रा पर प्रशिक्षक के रूप में चले गए। यात्रा से दो वर्ष बाद लौटने पर ये शाही बाग के वनस्पति संग्रहायल के रक्षक नियुक्त हुए। 1793 ई. में ये अजायबघर में प्रोफेसर नियुक्त हुए और अकशेरुकी संग्रह का उत्तरदायित्व लिया। यहा उन्होंने 1819 ई. तक, अपने नेत्रहीन होने तक, कार्य किया। इनका बुढ़ापा बड़ी गरीबी में बीता। 18 दिसंबर, 1829 ई. को उनका देहावसान हो गया।