विचार / लेख

-विष्णु नागर
संगीतकार ए आर रहमान ने दो दिन पहले किसी सोशल मीडिया फोरम पर एक पोस्ट साझा की,जिसने नफरती फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ को ध्वस्त सा कर दिया है।इस स्टोरी को साझा करते हुए उन्होंने मुश्किल से दो लाइनें लिखीं- ‘बहुत बढिय़ा। मानवता के प्रति प्रेम में बिना शर्त होना चाहिए।’
इस स्टोरी को देते हुए उन्होंने एक वीडियो शेयर किया,जो आज भी केरल में हिंदू -मुस्लिम रिश्तों की पुख्तगी को बताता है। यह वीडियो 19 जनवरी, 2020 को मस्जिद में हुए एक हिन्दू परिवार की शादी का है।यह दक्षिण केरल के कायमकुलम के चेरुवेली मुस्लिम जमात मस्जिद का किस्सा है।लडक़ी की मां बिन्दु इस मस्जिद में आई और उसने बताया कि 2018 में उसके पति अशोकन की मृत्यु के बाद उसके लिए अपने तीन बच्चों का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में रिश्ता तय होने के बावजूद वह अपनी बेटी की शादी नहीं कर पा रही है।
अगले शुक्रवार को मस्जिद समिति ने यह मामला उस दिन आए करीब दस हजार नमाजियों के सामने रखा। तत्काल लोगों ने मदद देना स्वीकार किया।तब समिति ने आगामी बुधवार को पंडित बुला कर हिन्दू रीति से अंजु और शरद की शादी करवाई। शाकाहारी भोजन साध्या की दावत का एक हजार लोगों के लिए प्रबंध किया। सोने के दस सिक्के विवाहित जोड़े को भेंट किए। इसके अलावा बीस लाख रुपए भी दिए।
यह है असली केरल स्टोरी। बेपर की स्टोरी नहीं।
द टेलीग्राफ में छपी यह स्टोरी तो इतना ही बताती है मगर शायद बेटी की मां बिन्दु मदद के लिए किसी और के पास भी गई होगी। वहां से सहायता नहीं मिली होगी, तब उसने यह कदम उठाया होगा और फिर कितने शानदार ढंग से शादी हुई।ऐसी उदारता न हिन्दुओं में खत्म हुई है,न मुसलमानों में।
हां, सब एक जैसे नहीं होते। सांप्रदायिकता है मगर उसमें वह ताकत कहां कि वह सैकड़ों सालों के रिश्तों को एक झटके में हमेशा के लिए खत्म कर दे।
मुबारकबाद इस विवाहित जोड़े को,बेटी की मां बिन्दु को और ए आर रहमान को, जिनकी वजह से यह रियल केरल स्टोरी हम तक पहुंची।
वैसे ‘द केरला स्टोरी’ के प्रचार-प्रसार में स्वयं प्रधानमंत्री जी कूद गए हैं। आज बेल्लारी में इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
इतना हताश मत होइए माननीय।