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रायपुर, 23 मई। श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संकाय के समाज कार्य विभाग द्वारा संचालित पी.एच.डी. (सत्र-2019-20) के शोधार्थी चुन्नीलाल शर्मा ने अपना पी-एच.डी. शोध प्रबंध पूर्ण किया। उन्होंने नशासेवन और सोशल नेटवर्किंग साईट्स का किशोर और युवाओं के व्यवहार पर पडऩे वाले प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन पर शोध किया है। यह शोध प्रबंध कार्य शोध निदेशक डॉ. नरेश कुमार गौतम और सह-शोध निदेशक डॉ. कामिनी बावनकर के मार्गदर्शन में पूर्ण हुआ।
यह शोध आने वाले समय को देखते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान समय में बच्चों से लेकर युवाओं एवं बुजुर्गों में भी मोबाईल का एडिक्शन बहुत तेजी से बढ़ रहा जो उन्हें अवसाद और समाज से दूर करता जा रहा है। जो आने वाले समय में एक बड़ी समस्या के तौर पर हमारे सामने है।
यह शोध प्रबंध उन सभी समस्याओं और उनसे निजात पाने के तरीकों पर उपचारात्मक क्रिया के उपागमों के माध्यम से इस समस्या का समाधान करता है। साथ ही यह शोध बच्चों एवं युवाओं को सकारात्मक तकनिकी माध्यम से कैसे और अधिक क्रियाशील बनाया जाये ऐसे तमाम उपायों की और इंगित करता है।
हालांकि दुनियां में नशासेवन और इंटरनेट सोशल साईट्स को लेकर अलग अलग अनेकों शोध कार्य किया गए हैं।
लेकिन पहली बार इन दोनो समस्याओं को लेकर तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। चुन्नीलाल शर्मा ने समाज कार्य विषय में रायपुर जिले और श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में पहले शोधार्थी के तौर पर अपना शोध प्रबंध जमा कर पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। उल्लेखनीय है कि चुन्नीलाल शर्मा को शिक्षा एवं समाज कार्य के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही उन्हें यूनाइटेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका द्वारा संचालित ‘लब्ध प्रतिष्ठित कार्यक्रम इंटेरनेशनल विजिटर लीडर सीफ़ आवर्ड’ के लिए भी आमंत्रित किया गया है।