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शिवराज सिंह चौहानइमेज स्रोत,
आज के प्रेस रिव्यू की शुरुआत करते हैं, मध्य प्रदेश की ख़बर से जहाँ, इस साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं.
द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव से कुछ महीने पहले यहाँ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराज़गी खुलकर सामने आ रही है.
वीडियो में केपी यादव ये कहते सुने जा सकते हैंं, "भीड़ में कुछ लोग ख़ुद को बुद्धिजीवी कहते हैं लेकिन वो इतने मूर्ख हैं कि उन्हें ये नहीं पता कि हम बीजेपी में हैं. केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है, यहां से बीजेपी के सांसद हैं. वो भरे मंच से चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि 2019 में हमसे ग़लती हुई थी. जिस पार्टी में आप हैं उसी के बारे में आप कहते हैं कि आपसे ग़लती हुई है. ये समझ से परे है. मुझे लगता है कि जहां वो थे उन्हें वहीं रहना था, अगर वो जनप्रिय हैं तो वो वहीं रहकर मुझसे फिर से चुनाव लड़ते और जीतते."
केपी यादव का निशाना ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ़ था. बीते लोकसभा चुनावों में केपी यादव ने बीजेपी के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया था, जो उस वक्त कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में थे. बाद में ज्योतिरादित्य ने अपने समर्थकों से साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था.(bbc.com/hindi)