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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन ने रनऑफ़ इलेक्शन में अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल कलचदारलू को पीछे छोड़ दिया और तीसरी बार राष्ट्रपति बन गए हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार कमाल कलचदारलू ने इसे 'सबसे ग़लत ढंग से पूरा हुआ चुनाव' करार दिया है लेकिन नतीजों पर उन्होंने कोई सवाल नहीं किए हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अर्दोआन को 52.1 फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि कलचदारलू के हिस्से में 47.9 फ़ीसदी वोट आए.
अर्दोआन के लिए इस चुनाव को बहुत मुश्किल माना जा रहा था क्योंकि घरेलू स्तर पर वह कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
तुर्की में महंगाई आसमान पर है और इसी साल आए विनाशकारी भूकंप के बाद से प्रभावित इलाकों में ज़िंदगी पटरी पर पूरी तरह नहीं लौट सकी है.
ऐसे में विपक्षी पार्टियों को लग रहा था कि अर्दोआन को चुनाव में हराया जा सकता है. इसी वजह से तुर्की की छह पार्टियों के गठबंधन ने कमाल कलचदारलू को अपना साझा उम्मीदवार बनाया था.
तुर्की में पहले 14 मई को चुनाव हुए थे लेकिन किसी भी उम्मीदवार को 50 फ़ीसदी से अधिक वोट न मिल पाने की वजह से दूसरे चरण का मतदान करवाना पड़ा.
जीतने के बाद अपने भाषण में अर्दोआन ने सभी विवादों को पीछे छोड़ने और राष्ट्रीय मूल्यों और सपनों के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया. हालांकि, उन्होंने विपक्ष पर हमलावर रुख अपनाते हुए बिना किसी सबूत के कलचदारलू पर आतंकवादियों का साथ देने का आरोप लगाया.
अर्दोआन ने कहा कि महंगाई तुर्की का सबसे प्रमुख मुद्दा है.
69 वर्षीय अर्दोआन ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "आज का विजेता सिर्फ़ तुर्की है. मैं हर उस शख्स का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे फिर से अगले पाँच सालों के लिए देश चलाने की ज़िम्मेदारी सौंपी."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अर्दोआन के घर के बाहर जमा हुए उनके समर्थक लगातार 'अल्लाह-हू-अक़बर' के नारे लगाते रहे.
एक समर्थक ने रॉयटर्स से कहा, "दुनिया के हर देश में समस्याएं हैं. यूरोपीय देशों में भी...मज़बूत नेतृत्व के बलबूते हम भी तुर्की की समस्याएं सुलझा लेंगे." (bbc.com/hindi)