अंतरराष्ट्रीय

उत्तर कोरिया ने जून में पहला सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने की पुष्टि की
30-May-2023 12:09 PM
उत्तर कोरिया ने जून में पहला सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने की पुष्टि की

सियोल, 30 मई  उत्तर कोरिया ने जून में अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना की मंगलवार को पुष्टि की और इस प्रकार की क्षमताओं को अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सैन्य अभ्यासों पर नजर रखने के लिए अहम बताया।

इस बयान के एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने जापानी प्राधिकारियों को सूचित किया था कि वह आने वाले दिनों में एक उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है।

इसके बाद जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा ने अपने देश के आत्मरक्षा बल को आदेश दिया कि यदि कोई उपग्रह जापानी क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसे मार गिराया जाए।

जापान के तटरक्षक बल के अनुसार, उत्तर कोरिया के जलमार्ग अधिकारियों से मिले नोटिस में कहा गया था कि प्रक्षेपण 31 मई से 11 जून के बीच किया जा सकता है। इस प्रक्षेपण से पीत सागर, पूर्वी चीन सागर और फिलीपीन के लुजोन द्वीप के पूर्व में समुद्री क्षेत्र प्रभावित हो सकता है।

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के अनुसार, देश के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी री प्योंग चोल ने अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की। प्योंगयांग लंबे समय से यह कहता रहा है कि ये उस पर हमले का अभ्यास है।

री ने कहा कि उत्तर कोरिया अंतरिक्ष-आधारित टोही उपग्रह को ‘‘अमेरिका और उसके अधीन बलों के खतरनाक सैन्य कृत्यों’’ की निगरानी के लिए ‘‘अपरिहार्य’’ मानता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ‘‘आक्रमण की अपनी अविवेकपूर्ण महत्वाकांक्षा को खुले तौर पर प्रकट कर रहे हैं।’’

उत्तर कोरिया 2022 की शुरुआत से करीब 100 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है, जिनमें अमेरिकी मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल और कई अन्य प्रक्षेपण भी शामिल हैं, जिन्हें उसने दक्षिण कोरिया को निशाना बनाकर किए जाने वाले नकली परमाणु हमलों के रूप में वर्णित किया है।

री ने कहा कि अमेरिका-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास का विस्तार, दक्षिण कोरिया में परमाणु-सक्षम पनडुब्बियों को भेजने की अमेरिक की कथित योजनाएं और क्षेत्र में अमेरिकी टोही विमानों की बढ़ती गतिविधियां उत्तर कोरिया के खिलाफ अग्रिम सैन्य कार्रवाई की तैयारी की ‘‘भयानक मंशा’’ को रेखांकित करती हैं।

अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपने इन नियमित अभ्यासों को रक्षात्मक प्रकृति का करार दिया है, लेकिन उन्होंने उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए 2022 से अपने प्रशिक्षणों में विस्तार किया है।

री ने कहा, ‘‘एक जून को प्रक्षेपित किया जाने वाला (उत्तर कोरिया का) पहला सैन्य टोही उपग्रह और बाद में होने वाले विभिन्न सैन्य परीक्षण अमेरिका और उसके अधीन बलों के खतरनाक सैन्य कृत्यों पर तात्कालिक आधार पर नजर रखने, उनकी पहचान करने, उन्हें नियंत्रित करने और उनसे अग्रिम तरीके से निपटने के लिए बहुत जरूरी हैं।’’

उत्तर कोरिया के उपग्रह प्रक्षेपण के मद्देनजर जापान के तटरक्षकों ने मलबा गिरने से संभावित जोखिमों के कारण उक्त तारीखों पर क्षेत्र में पोतों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की है।

देश का तटरक्षक बल पूर्वी एशिया में समुद्री सुरक्षा सूचना का समन्वय करता है और उसे आगे भेजता है, इसी कारण उत्तर कोरिया ने यह नोटिस उसे भेजा है।

उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिए, उत्तर कोरिया को लंबी दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना होगा, जिस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं।

जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने बताया कि प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा और यह ‘‘जापान, क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति व सुरक्षा के लिए खतरा’’ है।

दक्षिण कोरिया ने सोमवार को चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया यदि संयुक्त राष्ट्र के उन प्रस्तावों का उल्लंघन करता है, जिनके तहत उस पर बैलिस्टिक प्रौद्योगिकी इस्तेमाल कर प्रक्षेपण करने संबंधी प्रतिबंध है, तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।

दक्षिण कोरिया ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारी सरकार उत्तर कोरिया को क्षेत्र में शांति के लिए खतरा पैदा कर सकने वाले उकसावे के खिलाफ कड़ी चेतावनी देती है और उससे अपनी अवैध प्रक्षेपण योजना को तुरंत वापस लेने का आग्रह करती है।’’

इस महीने की शुरुआत में, उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि देश के नेता किम जोंग-उन ने अपने देश के एयरोस्पेस केंद्र में तैयार एक सैन्य जासूसी उपग्रह का निरीक्षण किया और उपग्रह से जुड़ी प्रक्षेपण योजना को मंजूरी दे दी।

बाद में सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत में, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के प्रमुख परमाणु दूत उत्तर कोरियाई उपग्रह प्रक्षेपण के लिए एकजुट एवं दृढ़ अंतरराष्ट्रीय जवाब को लेकर सहयोग करने पर सहमत हुए।

उत्तर कोरिया की घोषणा के बाद उसके मुख्य सहयोगी चीन ने बातचीत के जरिए राजनीतिक समाधान का आह्वान किया। (एपी)

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news