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नई दिल्ली, 30 मई। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस ने बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा के उस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह और खुदीराम बोस हिन्दुत्व के झंडाबरदार विनायक दामोदर सावरकर से प्रभावित थे. रणदीप हुड्डा ने यह भी दावा किया है कि सुभाषचंद्र बोस भी सावरकर से प्रेरणा लेते थे.
रणदीप हुड्डा अभिनीत 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर' फ़िल्म आ रही है. इसमें हुड्डा सावरकर के किरदार में हैं. हाल में इस फ़िल्म की टीज़र रिलीज़ हुई है.
इस मौक़े पर रणदीप हुड्डा ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ''अंग्रेज़ों के लिए मोस्ट वॉन्टेड शख़्स. वैसी शख़्सियत जिससे नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह और खुदीराम बोस प्रेरणा लेते थे. सावरकर कौन थे? इस कहानी को इसी साल 'स्वातंत्र्य वीर सावकर' फ़िल्म में देखिए.''
रणदीप हुड्डा के इस दावे पर चंद्रकुमार बोस ने कहा कि नेताजी केवल स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेते थे. उन्होंने कहा कि विवेकानंद ही उनके आध्यात्मिक गुरु थे. चंद्र कुमार बोस ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास से प्रभावित थे और वही उनके राजनीतिक परामर्शदाता थे.
चंद्रकुमार बोस ने इंडिया टुडे से कहा, ''नेताजी सुभाषचंद्र बोस केवल दो महान हस्तियों से प्रेरणा लेते थे. एक स्वामी विवेकानंद, जो कि उनके आध्यात्मिक गुरु थे और दूसरे स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास थे, जिन्हें नेताजी राजनीतिक सलाहकार मानते थे. इन दोनों के अलावा मुझे नहीं लगता है कि नेताजी किसी से प्रेरणा लेते थे.''
चंद्रकुमार बोस ने कहा, ''सावरकर महान शख़्सियत थे, स्वतंत्रता सेनानी थे लेकिन नेताजी और सावरकर की विचारधारा नाटकीय रूप से अलग थी. ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि नेताजी सावरकर की विचारधारा और सिद्धांत से प्रेरणा लेते थे.''
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पड़पोते ने कहा कि नेताजी के लेखन में स्पष्ट है कि वह सावरकर और मुहम्मद अली जिन्ना से ब्रिटिश साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में कोई उम्मीद नहीं करते थे.
चंद्र कुमार बोस ने कहा, ''भारत की आज़ादी की लड़ाई में हिन्दू महासभा और मोहम्मद अली जिन्ना से कुछ भी अपेक्षा नहीं की जा सकती थी. नेताजी सेक्युलर थे. उन्होंने सांप्रदायिकता का विरोध किया था. सांप्रदायिकता का दोनों भाइयों शरदचंद्र बोस और नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने विरोध किया था. ऐसे में आप यह कैसे दावा कर सकते हैं कि नेताजी सावरकर से प्रेरणा लेते थे. सेल्युलर जेल जाने से पहले सावरकर क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे. वह भारत की आज़ादी चाहते थे लेकिन बाद में बदल गए थे.''
चंद्रकुमार बोस ने कहा कि फ़िल्मकारों की ओर से फ़ायदे के लिए ग़लत इतिहास पेश करना एक अपराध है और इसकी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
चंद्रकुमार बोस ने कहा, ''नेताजी की सावरकर से मुलाक़ात हुई थी. लेकिन वह मिलकर बहुत प्रभावित नहीं हुए थे. सावरकर मूलतः एक हिन्दू नेता थे जबकि नेताजी भारतीय नेता थे. वह किसी एक मज़हब के नेता नहीं थे. नेताजी की आज़ाद हिन्द फौज में सभी धर्म के लोग शामिल थे.''
स्वातंत्र्य वीर सावरकर फ़िल्म की टीज़र सावरकर की 140वीं जयंती पर रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक भी ख़ुद हुड्डा ही हैं. (bbc.com/hindi)