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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिन्दू देवियों की पूजा पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फ़ैसला
31-May-2023 7:30 PM
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिन्दू देवियों की पूजा पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फ़ैसला

photo : SAMEERATMAJ MISHRA BBC

इलाहाबाद, 31 मई। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शृंगार गौरी और अन्य देवियों की पूजा की अनुमति वाली याचिका बनारस के स्थानीय कोर्ट में सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे दी है.

अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमिटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अनुरोध किया था कि बनारस के स्थानीय कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई पर रोक लगनी चाहिए.

अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमिटी ज्ञानवापी मस्जिद के प्रबंधन का काम देखती है. पाँच हिन्दू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवियों की पूजा की अनुमति के लिए बनारस की स्थानीय अदालत में याचिका दाखिल की थी. जस्टिस जेजे मुनीर ने कहा कि पाँच हिन्दू महिलाओं की याचिका पर सुनवाई रोकी नहीं जाएगी.

हिन्दू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने इस फ़ैसले पर कहा, ''मुझे उम्मीद है कि वह दिन दूर नहीं जब यहाँ विशाल शिव मंदिर बनेगा और वर्तमान ढाँचा को हटा दिया जाएगा.''

पिछले साल 12 सितंबर को बनारस ज़िला अदालत ने मस्जिद कमिटी की याचिका को ख़ारिज कर दिया था, जिसमें ज्ञनवापी मस्जिद परिसर में हिन्दू देवियों की पूजा की अनुमति वाली याचिका की सुनवाई नहीं करने की अपील की थी.

12 सितंबर 2022 को हुई सुनवाई में वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी देवताओं की पूजा की मांग को लेकर की गई पाँच महिलाओं की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील को खारिज कर दिया था.

कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार ने 18 सितंबर, 1991 को उपासना स्थल क़ानून पास किया था, जो बाबरी मस्जिद छोड़कर सभी दूसरे धार्मिक स्थलों पर लागू होता है. यह क़ानून कहता है कि भविष्य में विवादित धार्मिक स्थलों का स्वरूप नहीं बदला जा सकता. इसी क़ानून का हवाला देकर मुस्लिम पक्ष सुनवाई रोकने की मांग कर रहा था. (bbc.com/hindi)

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