राष्ट्रीय
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बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर पहलवानों और केंद्र सरकार के बीच टकराव जिस तरह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है, उससे हरियाणा के बीजेपी नेताओं की असहजता बढ़ती जा रही है.
अंग्रेजी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, इस असहजता की वजह चुनावों का नजदीक होना है. अगले साल आम चुनाव के ठीक बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं.
ऐसे में हरियाणा के बीजेपी नेता आशंका जता रहे हैं कि इस विरोध प्रदर्शन की वजह से ज़मीन पर पार्टी को लेकर लोगों की राय बदल सकती है.
एक नेता ने कहा है कि 'कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जिनका समाधान पार्टी नीतियों से ऊपर उठकर किया जाना चाहिए. किसी को सिर्फ़ अपने मन की बात कहने का ही साहस नहीं होना चाहिए, बल्कि सुनने और ज़मीनी हक़ीकतों को समझने का भी साहस होना चाहिए. इस विरोध प्रदर्शन के पीछे कारण जो भी हो, लेकिन इस मसले का तार्किक निष्कर्ष निकलने में देरी जमीन पर लोगों की धारणाएं बदल देगी."
हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर समेत बीजेपी नेताओं ने अब तक इस मुद्दे पर एक तरह से चुप्पी साधी हुई है.
लेकिन धीरे-धीरे उनके लिए चुप रहना मुश्किल होता जा रहा है.
हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था. इस दौरान कुछ मौकों पर उन्हें अपना आपा भी खोते भी देखा गया.
इस बीच हरियाणा के किसान नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने पहलवान को अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है. क्योंकि ज़्यादातर पहलवान जाट समुदाय से आते हैं और इस वर्ग में कांग्रेस का अच्छा ख़ासा जनाधार है. इसके साथ ही पहलवानों को जाट केंद्रित पार्टी आईएनएलडी और आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिल गया है.
ऐसे में जैसे - जैसे ये विरोध प्रदर्शन आगे बढ़ रहा है, वैसे - वैसे बीजेपी के लिए ज़मीन पर दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. (bbc.com/hindi)