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अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सिलिकॉन वैली में टेक्नोलॉजी क्षेत्र के उद्यमियों के साथ समय बिताया.
राहुल गांधी ने इस दौरान प्लग एंड प्ले सेंटर में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और तकनीक के क्षेत्र में काम कर रहे उद्यमियों के साथ चर्चा में हिस्सा भी लिया.
राहुल गांधी ने कहा कि डेटा नया गोल्ड है और भारत जैसे देशों ने इसकी क्षमता को समझ लिया है.
राहुल गांधी ने कहा, “डेटा सुरक्षा पर उपयुक्त नियम बनाए जाने की ज़रूरत है. ”
हालांकि फ़ोन के ज़रिये जासूसी की पेगासस और अन्य टेक्नोलॉजी के बारे में राहुल गांधी ने कहा कि वो इसे लेकर चिंतित नहीं हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं जानता हूं कि मेरा फ़ोन टेप किया जाता है. मज़ाकिया अंदाज़ में मोबाइल निकालकर उन्होंने कहा, “हेलो, मिस्टर मोदी.”
राहुल गांधी ने कहा कि मैं ये मानकर चलता हूं कि मेरा आइफ़ोन टैप किया जा रहा है.
राहुल ने कहा, “आपको डेटा की निजता को लेकर एक राष्ट्र के रूप में और एक व्यक्ति के रूप में नियम बनाने की ज़रूरत है. अगर एक राष्ट्र ये चाहता है कि वो आपका फ़ोन टैप करना चाहता है तो फिर कौन रोक सकता है.”
राहुल ने कहा, “अगर कोई देश ये तय कर लेता है कि वह फ़ोन टैप करेगा तो मुझे लगता है कि आप फिर इसके ख़िलाफ़ नहीं लड़ सकते, मुझे लगता है कि मैं जो भी करता हूं, वो सब सरकार के लिए उपलब्ध है.”
राहुल गांधी ने स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी में भी एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और संबोधन दिया.
यहां राहुल गांधी ने भारत में उन पर हुए मानहानि के मुक़दमे पर चर्चा की.
राहुल गांधी ने कहा, “मैं पहला व्यक्ति हूं जिसे मानहानि के मामले में सज़ा दी गई और सांसद के रूप में अयोग्य घोषित होने के लिए अधिकतम सज़ा दी गई.”
राहुल गांधी को मानहानि के एक मामला में गुजरात की एक अदालत ने दो साल की सज़ा सुनाई थी जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
राहुल गांधी ने कहा, “मैं 2004 में राजनीति में आया था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि कभी ऐसा भी होगा.” (bbc.com/hindi)