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भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले ऑस्ट्रेलिया को द ओवल में खराब रिकॉर्ड की चिंता
01-Jun-2023 1:01 PM
भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले ऑस्ट्रेलिया को द ओवल में खराब रिकॉर्ड की चिंता

मेलबर्न, 1 जून भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल की तैयारी कर रही ऑस्ट्रेलिया की टीम द ओवल पर अपने पिछले खराब रिकॉर्ड को भुलाकर नई शुरुआत करना चाहेगी।

इंग्लैंड में 140 से अधिक वर्षों के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड द ओवल में सबसे खराब रिकॉर्ड में से एक है। यही मैदान सात से 11 जून तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच डब्ल्यूटीसी फाइनल की मेजबानी करेगा।

इंग्लैंड में 1880 में पहला टेस्ट मेजबान और ऑस्ट्रेलिया के बीच द ओवल में ही खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया की टीम दक्षिण लंदन के इस मैदान पर 38 टेस्ट में केवल सात ही जीत दर्ज कर पाई है। इस मैदान पर टीम की सफलता का प्रतिशत 18.42 है जो पूरे इंग्लैंड में सबसे खराब है।

ऑस्ट्रेलिया पिछले 50 वर्षों में द ओवल में सिर्फ दो बार जीता है। दूसरी तरफ उन्होंने लॉर्ड्स में 29 मैच में 43.59 प्रतिशत की सफलता दर से 17 जीत हासिल की है जो मेजबान इंग्लैंड की 141 मैच में 39.72 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका की 33.33 प्रतिशत की सफलता दर से बेहतर है।

हेडिंग्ले में ऑस्ट्रेलिया की सफलता का प्रतिशत 34.62, ट्रेंट ब्रिज में 30.43 और ओल्ड ट्रैफर्ड तथा एजबस्टन में क्रमश: 29.03 और 26.67 प्रतिशत है।

दूसरी तरफ इस स्थल पर भारत का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा है। टीम ने दो जीत दर्ज की है और पांच मुकाबले हारे हैं जबकि सात टेस्ट ड्रॉ रहे। लेकिन रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम 2021 में यहां इंग्लैंड पर 157 रन की जीत से आत्मविश्वास से भरी होगी जो 40 वर्षों में इस स्थल पर टेस्ट मैच में उसकी पहली जीत थी।

‘क्रिकेट.कॉम.एयू’ के अनुसार ऑस्ट्रेलिया का पहला पूर्ण प्रशिक्षण सत्र ब्रिटेन में गुरुवार को बेकेनहैम में होगा जो मध्य लंदन से 20 किमी दूर है।

पैट कमिंस और उनके साथी सप्ताहांत में केंट में ट्रेनिंग करेंगे क्योंकि दोनों टीम को मैच से दो दिन पहले ही द ओवल में सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।

द ओवल की पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की संभावना है जबकि बेकेनहैम को बल्लेबाजों की अनुकूल पिच के लिए जाना जाता है।

ऑस्ट्रेलिया 2021-23 डब्ल्यूटीसी तालिका में शीर्ष पर रहा। उसे एकमात्र शिकस्त इसी साल भारत के खिलाफ उसी की सरजमीं पर 1-2 की हार के रूप में मिली। टीम ने भारत के खिलाफ स्वदेश और विदेश में आठ साल से कोई श्रृंखला नहीं जीती है और इस दौरान लगातार चार श्रृंखलाएं गंवाई। (भाषा) 

 

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