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फोटो ANI
बीबीसी की रिपोर्ट
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में अब तक 233 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है और लगभग एक हज़ार लोग घायल हैं.
पीएम मोदी ने हादसे के बाद ट्वीट कर दुख जताया.
पीएम मोदी ने कहा, ''ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे से व्यथित हूं. दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं. हादसे में घायल लोग जल्द स्वस्थ हों. मैंने रेल मंत्री से बात की है और हालात के बारे में जानकारी ली है. बचावकार्य जारी है और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी.''
ट्रेन हादसा कैसे हुआ?
जगह- ओडिशा का बालासोर ज़िला. शुक्रवार शाम के लगभग 7 बजे.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, रेल के एक ट्रैक पर हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर हुई. इस टक्कर के कारण डिब्बे पटरी से उतरे.
ये डिब्बे हादसे वाले ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर जा पहुंचे.
इस ट्रैक पर दूसरी ओर से यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट रेल आ रही थी. ये रेल इन डिब्बों से टकराई और इस तरह से 2 जून की रात तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हुईं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने हादसे के चश्मदीदों से बात की है.
कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक यात्री ने बताया, ''मैं शालीमार से चेन्नई जा रहा था. जिस समय हादसा हुआ, मैं सोया हुआ था. हादसा हुआ तो बहुत ज़ोर से आवाज़ हुई. मेरी नींद खुली. ट्रेन नीचे की तरफ जा रही थी. मैं बोगी में लगा फैन पकड़कर बैठा था. मेरी सीट ऊपर वाली थी. जब ट्रेन रुकी तो हम लोग नीचे उतरे. सब इधर उधर भाग रहे थे. कह रहे थे कि मुझे बचाओ, मदद करो. पर आप किस किस की मदद कर सकते हैं. लेकिन तब तक ट्रेन की कैंटीन में आग लग गई तो हम भाग गए.''
चश्मदीद बोले, ''किसी का हाथ नहीं था. किसी का पैर नहीं था.सब ऐसे पड़े हुए थे. जिस समय हादसा हुआ, तब कोई नहीं था. सब यात्रियों ने ही एक-दूसरे की मदद की. सब घबरा गए थे. उस समय बुद्धि भी काम नहीं कर रही थी कि किसको बचाएं.''
ट्रेन हादसे के कारण कई जानें गईं पर चश्मदीदों की मानें तो कुछ चमत्कार भी देखने को मिले.
एक चश्मदीद ने बताया, ''सबसे अच्छी बात रही कि हमारी सीट के नीचे दो साल का एक बच्चा था. वो बच गया. उसको और उसके परिवार को बाहर निकाला.''
एक चश्मदीद ने बताया, ''हम एस-5 कोच में थे. इस कोच के लोगों को ज़्यादा चोट नहीं आई. हमें चेन्नई जाना था पर अब घर जाएंगे. पहले केरल जाना था.''
हादसे के शिकार एक और चश्मदीद ने बताया, ''हादसा हुआ तो 10-15 लोग मेरे ऊपर आ गिरे. मैं जब उठा तो हाथ और गर्दन में चोट लग गई थी. ट्रेन से बाहर आया तो किसी के पैर कटे हुए थे तो किसी के हाथ. किसी का चेहरा खराब हो गया था.'' (bbc.com/hindi)