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ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे में अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है. घायलों की संख्या लगभग 650 बताई जा रही है.
घटनास्थल पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ओडिशा सीएम नवीन पटनायक शनिवार सुबह पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया.
रेल हादसे के बाद सत्ता से लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
विपक्ष के कुछ नेताओं ने हादसे के बाद रेल मंत्री के इस्तीफ़े की मांग की.
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने फ़ेसबुक पर लिखा, ''मोदी सरकार जनता को गुमराह करने और अपनी राजनीतिक मंशाओं को पूरा करने के लिए वंदे भारत ट्रेन और नए स्टेशनों की बात करती है लेकिन सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं कर रही है. घटनास्थल से जो मंज़र दिख रहा है वो दिल दुखाने वाला है. 100 से ज़्यादा लोगों की जान गई. मरने वाले लोगों के परिवार के साथ मेरी संवेदनाएँ हैं.''
बनर्जी ने इस्तीफ़े की मांग करते हुए कहा, ''अगर ज़मीर की आवाज़ बची है तो रेल मंत्री तत्काल इस्तीफ़ा दें.''
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने घटना पर दुख जताया.
अजित पवार ने कहा, ''ये दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हैं. रेलवे विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए. जो लोग दोषी हैं, उनके ख़िलाफ़ जांच करनी चाहिए. रेलवे को लोगों की जान की कीमत समझनी चाहिए. पहले कभी ऐसे ट्रेन हादसे हुआ करते थे तो रेल मंत्री इस्तीफ़ा दे दिया करते थे लेकिन अब कोई आगे आने को तैयार नहीं.''
हालांकि घटनास्थल पर जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस बारे में पूछा गया तो वो सीधा जवाब देने से बचते दिखे.
वैष्णव ने कहा, ''मैं यही कहूंगा कि सबसे पहला फोकस लोगों की जान बचाने और राहत कार्य पर रखें.''
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी लाल बहादुर शास्त्री के इस्तीफ़े की तस्वीर को री-ट्वीट करते हुए लिखा, ''पहले हमारे पास ऐसे नेता थे, जो भारत में ज़िम्मेदारी लेते थे. जय हिंद.''
1956 में लाल बहादुर शास्त्री ने महबूब नगर में हुए ट्रेन हादसे के बाद रेल मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. हालांकि इस इस्तीफ़े को स्वीकार नहीं किया गया था.
बाद में एक और ट्रेन हादसा हुआ तो शास्त्री का ये इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया गया था. (bbc.com/hindi)