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संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने कहा है कि यूक्रेन के नोवा काखोव्का में बांध को तोड़ा जाना यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से किसी नागरिक ढांचागत निर्माण पर सबसे बड़ा हमला है.
न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए मार्टिन ग्रिफिंस ने कहा है कि इससे कितनी बर्बादी होती है ये अगले कुछ दिनों के भीतर ही स्पष्ट हो पाएगा.
नीप्रो नदी के दोनों तरफ़ बांध का पानी अब तक 80 शहरों तक पहुंच चुका है. इससे बड़े पैमाने पर इमारतें डूब गई हैं और खेती की ज़मीन बर्बाद हुई है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि रूस ने बांध को बारूद से उड़ाकर बड़े पैमाने पर पर्यावरण की बर्बादी की है.
वहीं रूस ने यूक्रेन पर बांध तोड़ने के आरोप लगाए हैं. दोनों ही पक्षों के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
काखोव्का हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट यूक्रेन के खेरसॉन प्रांत के नोवा काखोव्का शहर में है जो फ़िलहाल रूस के कब्ज़े में है.
ये सोवियत काल में बनाया गया था और नीप्रो नदी पर बनाए गए छह बांधों में से एक है.
ये इतना विशाल बांध है कि यूक्रेन के उत्तरी से दक्षिणी इलाके तक फैला है.
रॉयटर्स के मुताबिक़ दुनिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक अमेरिका की ग्रेट सॉल्ट लेक जितना पानी इस बांध में है. (bbc.com/hindi)