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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 9 जून। सिंघल ग्रुप ऑफ कंपनीज के 22 ठिकानों से आयकर छापे सिमटने लगे हैं। शुक्रवार तीसरे दिन 14 ठिकानों से टीमें लौट आईं हैं। देर रात दी गई जानकारी के अनुसार इनके यहां से 1 करोड़ की ज्वेलरी और 1 करोड़ कैश सीज किया गया था। बता दें कि बुधवार के सीजी- एमपी के 160 अफसरों की एक जंबो टीम ने रायपुर और रायगढ़ के इस स्टील कारोबारी के सभी 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी रायगढ़, सारंगढ़, रायपुर, मुंबई, और कोलकाता के दफ्तरों घरों प्लांट्स में पड़ताल कर रही है। अब तक की जांच में ग्रुप के कारोबार में कच्चे का बड़ा गोलमाल मिलने की खबर है। आयकर सूत्रों ने बताया कि सिंघल ग्रुप के कांट्रेक्ट में भी गड़बड़ी मिली है। इनके लॉकर्स की भी जांच कर ली गई है। 18 में से 8 लाकर को सीज कर दिया है ।
इसके चेयरमैन संजय सिंघल, और डायरेक्टर अजय सिंघल, आयुष- पीयूष (अग्रवाल) हैं। सिंघल इंटरप्राइजेस मुख्य फर्म के अधीन शेष सभी 22 कंपनियां हैं। ये कंपनियां स्टील, कोयला,फाइनेंशियल, कंस्ट्रक्शन या कारोबार करती हैं। समूह के लोगों के शंकर नगर, अवंति विहार, चौबे कालोनी, मोवा और खम्हारडीह के दफ्तर, निवास हैं जहां पर जांच चल रही है।
बताया गया कि हाल ही में सिंघल उद्योग ने सालासर उद्योग को टेकओवर किया था जिसके चलते इनकम टैक्स की रडार में दोनों उद्योग आ गए हैं। टीम रायगढ़ के कालिंदी कुंज स्थित एक सीए के अलावा बंजारी मार्ग पर स्थित सिंघल उद्योग व गेरवानी स्थित सालासर उद्योग में जांच कर रही है।
सिंघल ग्रुप को प्रदेश के बड़े कारोबारी समूह में गिना जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि इस गु्रप की पहचान साफ सुथरे कारोबार के लिये है। टीम का नेतृत्व उपायुक्त डीएस मीणा कर रहे हैं। टीमें तड़के 5 बजे जब घरों में पहुंची तो सभी डायरेक्टर्स मौजूद मिले।
जांच अभी कम से 3-4 दिन चल सकती है। पहले दिन की पड़ताल में कुछ शैल कंपनियों की जानकारी भी मिली है। अफसर इसकी तस्दीक कर रहे हैं। इसके साथ ही रायपुर, रायगढ़ के बैंकों में 13 लॉकर्स मिले हैं जिन्हें सीज किया गया है। ये छापे ग्रुप द्वारा पिछले पांच वर्षों के आय, व्यय, कच्चे माल की खरीदी में दिखाई गई कमी और कर अदायगी में गिरावट को बताया जा रहा है ।सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2000 में स्थापित सिंघल ग्रुप की 11 कंपनियों का रजिस्टर्ड पता एक ही है। इनके रीजनल दफ्तर 303, सेंचुरी टॉवर, 45 शेक्सपियर सारनी कोलकाता में स्थित हैं। इनका एक दफ्तर मुंबई में भी है लेकिन वहां कुछ नहीं मिला।