राष्ट्रीय

सरकार आखिरकार विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई : कांग्रेस
14-Sep-2023 12:24 PM
सरकार आखिरकार विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई : कांग्रेस

नई दिल्ली, 14 सितंबर । कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र के बाद आखिरकार सरकार संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि इसके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था।

विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि यह निश्चित है कि "विधायी हथगोले" हमेशा की तरह अंतिम क्षण में जारी करने के लिए वे अपनी आस्तीन ऊपर रखे हुए हैं, भले ही भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) मुख्य चुनाव आयुक्‍त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर "कपटी" विधेयक का दृढ़ता से विरोध करेगा। 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा : "आखिरकार, प्रधानमंत्री को सोनिया गांधी का पत्र मिलने के बाद दबाव में मोदी सरकार 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष 5 दिवसीय सत्र के लिए एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई है।"

उन्होंने कहा कि फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, उसमें कुछ भी तत्‍काल जरूरी वाला मसला नहीं है - इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था।

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के संचार प्रभारी ने कहा, "मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह अंतिम क्षण में फेंके जाने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन की घटक पार्टियां इस घातक सीईसी विधेयक का मजबूती से विरोध करेंगी।"

उनकी यह टिप्पणी सरकार द्वारा बुधवार को पांच दिवसीय विशेष सत्र का एजेंडा जारी किए जाने के बाद आई है। संसदीय बुलेटिन के अनुसार, "विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को लोकसभा में संविधानसभा से शुरू होकर 75 वर्षों की संसदीय यात्रा - उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख पर चर्चा की जाएगी।

लोकसभा के अस्थायी विधायी कार्य में चार विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक शामिल हैं, लेकिन कहा गया कि पारित होने के लिए सूचीबद्ध विधेयकों को संपूर्ण नहीं माना जाना चाहिए।

सरकार ने विशेष सत्र के लिए लोकसभा में विवादास्पद मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पद की अवधि) विधेयक और डाकघर विधेयक के पारित होने को भी सूचीबद्ध किया है, जो राज्यसभा द्वारा पारित किया जा चुका है। 

राज्यसभा में भी निरसन और संशोधन विधेयक पारित किया जाना है, जो पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है और उच्च सदन में लंबित है। (आईएएनएस)।

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news