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रायपुर, 21 सितंबर। भक्ति और राग की सुहानी शाम संगीत समर्पणम कार्यक्रम में कर्नाटिक संगीत सुनकर संगीत-प्रेमी भाव-विभोर हो उठे। यह बृहद आयोजन आईटीएम विश्वविद्यालय ने राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में किया गया था। भारत देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए डॉ. जी. सारदा सुब्रमण्यम ने पांच भारतीय भाषाओं में भजन गाकर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उल्लेखनीय कि संगीत-भूषण, स्वर सुधा कला प्रपूर्णा, संगीत सुधा निधि, डॉ. नेदुनूरी कृष्णमूर्ति पुरस्कार विजेता, गंधर्वमृत वर्षिणी श्रीमती जी. सारदा सुब्रमण्यम को कर्नाटिक संगीत में अभूतपूर्व योगदान के लिए आईटीएम विश्वविद्यालय के 15 सितंबर को आयोजित अष्टम दीक्षांत समारोह में छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन जी के मुख्य आतिथ्य में डी.लिट. की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया था।
आईटीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के उपाध्यक्ष प्रो. आर.एस.एस. मणि ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर सबका स्वागत किया। आईटीएम विवि की डायरेक्टर जनरल सुश्री लक्ष्मी मूर्ति ने कार्यक्रम में मौजूद प्रख्यात गायिका और उनके संगतकारों का परिचय देते हुए कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने डॉ. जी. सारदा सुब्रमण्यम के अभिनंदन-सम्मान में गीतकार रामबटला शर्मा रचित एवं के. कात्यायनी द्वारा गाये गए भजन की रिकॉर्डिंग बजाते हुए उनका मंच में जोशीला स्वागत किया।
इस कार्यक्रम में कमला संगीत अकादमी रायपुर के प्राचार्य डॉ. श्रीराम मूर्ति (वायलिन) और विशाखापट्टनम से आए श्री जी. अप्पाला स्वामी (मृदंगम), श्री धनुंजई (तबला) और श्री पवन कुमार (कीबोर्ड) ने संगत किया। संगीत समर्पणम कार्यक्रम में प्रथम पूज्य श्रीगणेश की वंदना हुए डॉ. जी. सारदा सुब्रमण्यम ने भजन किया।