खेल

हांगझोउ, 29 सितंबर रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी एशियाई खेलों में टेनिस पुरूष युगल स्पर्धा के फाइनल में हार गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा ।
रोहन बोपन्ना और रुतुजा भोसले की मिश्रित युगल जोड़ी ने हालांकि फाइनल में पहुंच कर टेनिस में भारत के स्वर्ण पदक की आस जगाये रखी है।
बोपन्ना और भोसले की जोड़ी ने चीनी ताइपै की मिश्रित युगल सेमीफाइनल में चान हाओ-चिंग और यू-हसिउ सू को 6 . 1, 3 . 6, 10 . 4 से हराया।
इससे पहले पुरूष युगल में भारतीय जोड़ी को फाइनल में चीनी ताइपै के सू यु सियू और जैसन जुंग ने सीधे सेटों में हराया । गैर वरीय चीनी ताइपै टीम के दोनों सदस्य सू (182) और जुंग (231) की एकल रैंकिंग बेहतर थी जो उनके खेल में भी नजर आया । उन्होंने दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी को 6 . 4, 6 . 4 से हराया ।
रामकुमार का एशियाई खेलों में यह पहला और माइनेनी का तीसरा पदक है । वह 2014 इंचियोन खेलों में सतनाम सिंह के साथ पुरूष युगल रजत और सानिया मिर्जा के साथ मिश्रित युगल स्वर्ण जीत चुके हैं ।
टेनिस में इस बार भारत का यह पहला पदक है । जकार्ता में 2018 में भारत ने तीन पदक जीते थे लेकिन इस बार दो पदक के साथ ही लौटना होगा ।
रामकुमार ने मैच के बाद कहा ,‘‘ यह एशियाई खेलों में मेरा पहला पदक है । मैं भारत के लिये हमेशा से पदक जीतना चाहता था । यह मेरा लक्ष्य था और साकेत के साथ पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं । ’’
उन्होंने कहा ,‘‘ एशियाई खेल बड़ा टूर्नामेंट है और इसमें पदक जीतना बड़ी बात है । उम्मीद है कि अगली बार और पदक जीत सकेंगे ।’’
पुरूष युगल फाइनल में किसी टीम ने पहले तीन गेम में अंक नहीं गंवाये । चौथे गेम में जुंग के डबल फॉल्ट पर टीम ने अंक बनाया । सभी खिलाड़ियों ने अपनी सर्विस बरकरार रखते हुए स्कोर 2 . 2 कर दिया ।
सू ने फोरहैंड पर शानदार विनर लगाकर 30 .0 की बढत बना ली । ब्रेक तक बढत 4 . 2 की हो गई जब भारतीयों ने कई सहज गलतियां की ।
रामकुमार ने डबल फॉल्ट के साथ शुरूआत की लेकिन फिर दो ऐस लगाये । ताइपै टीम ने पहला सेट आसानी से जीता ।
दूसरे सेट में भी रामकुमार की सर्विस कमजोर रही । तीसरे गेम में स्कोर 15 .30 था जब उन्होंने डबल फॉल्ट किया और ताइपै टीम ने दो ब्रेक प्वाइंट बनाये । साकेत ने नौवे गेम में स्कोर 15 .15 कर दिया । भारतीय जोड़ी ने अपनी सर्विस बचाई लेकिन जुंग ने बैकहैंड पर वॉली विनर लगाकर बढत बना ली ।
इसके बाद भारतीय जोड़ी के लिये वापसी का मौका नहीं था । (भाषा)