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![हरियाणा:जींद के स्कूल में 60 छात्राओं के ‘यौन शोषण’ का मामला, लड़कियों में अब भी खौफ हरियाणा:जींद के स्कूल में 60 छात्राओं के ‘यौन शोषण’ का मामला, लड़कियों में अब भी खौफ](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/169969782096b9ec0-7faf-11ee-b7d2-dd851f00eaeb.jpg)
SAT SINGH/BBC
सत सिंह
हरियाणा के जींद जि़ले के एक सरकारी स्कूल में माहौल तनाव भरा है और छात्राओं के चेहरे सहमे दिख रहे हैं।
करीब दो माह पहले जि़ले के एक गांव के सरकारी स्कूल में करीब 60 स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीडऩ का मामला सामने आया था।
इस संबंध में प्रधानमंत्री, महिला आयोग समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा गया था।
स्कूल के प्रिसिंपल पर ही छात्राओं के साथ यौन शोषण का आरोप है।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए पिछले हफ्ते प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है। लेकिन लड़कियों में अब भी डर का माहौल है।
स्कूल का माहौल क्या है?
सुबह के करीब 11 बजे हैं और जींद मुख्यालय से बाल कल्याण समिति के चार सदस्य बच्चों को पोक्सो एक्ट और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताने आए हैं।
जिस स्कूल में यह घटना हुई वह लड़कियों का स्कूल है, जहां गांव-कस्बों से लड़कियां पढऩे आती हैं।
इस स्कूल में शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की संख्या 40 है, जिनमें से लगभग आधी महिला शिक्षक हैं और महिला छात्रों की संख्या 1200 से अधिक बताई जाती है।
फिलहाल स्कूल का माहौल ऐसा है कि छात्राओं को किसी से बात करने की इजाज़त नहीं है।
जैसे ही शिक्षकों की नजऱ बाहर से आ रहे लोगों पर पड़ी तो वे छात्राओं को आगे नहीं आने का इशारा करते नजर आए।
पूरे स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, एक कैमरा प्रिंसिपल के रूम में भी लगाया गया है और एक मॉनिटरिंग पैनल भी प्रिंसिपल रूम में लगाया गया है।
सवाल यह भी उठ रहा है कि अभियुक्त प्रिंसिपल बिना ट्रांसफर हुए पिछले छह साल से एक ही स्कूल में कैसे तैनात थे, जबकि बाकी स्टाफ का इस दौरान कई बार ट्रांसफर हो चुका है।
लोग ये भी आरोप लगा रहे हैं कि अभियुक्त एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है इस वजह से उस पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई थी।
आरोप है कि प्रिसिंपल की कथित हरकतों की वजह से कई लड़कियों ने स्कूल भी छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री सहित कई लोगों को एक गुमनाम पत्र
31 अगस्त को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय महिला आयोग, हरियाणा महिला आयोग और हरियाणा के शिक्षा मंत्री को पांच पन्नों का एक गुमनाम पत्र भेजा गया था।
इसमें छात्राओं ने शिकायत की थी कि उन्हें यौन उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है।
पत्र में कहा गया है कि स्कूल के प्रिंसिपल छात्राओं को काले शीशे वाले केबिन में बुलाते हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं।
पत्र में आपत्तिजनक तरीके से छूने का भी जिक्र है और दावा किया गया है कि ऐसा करते समय प्रिंसिपल ने छात्राओं को धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो उन्हें प्रैक्टिकल और परीक्षा में फेल कर दिया जाएगा।
काले शीशे वाला केबिन
पत्र में लिखा है कि काले शीशे वाले इस केबिन में बाहर से कुछ भी दिखाई नहीं देता, जबकि अंदर से बाहर का दृश्य दिखाई देता है।
पत्र में छात्राओं के ही हवाले से कहा गया था कि अधिकारी स्कूल के बाहर आकर छात्राओं से बात करेंगे तो वे उन्हें प्रिंसिपल की सारी हरकतें बता देंगी।
पत्र में एक महिला शिक्षक का भी जिक्र है, जिसका तबादला कर दिया गया है।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि वो प्रिंसिपल के निर्देश पर छात्राओं को काले शीशे वाले केबिन में भेजती थी।
हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद काले शीशे वाले केबिन को हटा दिया गया है।
प्रिंसिपल गिरफ्तार, लगीं धाराएं
पत्र मिलने के बाद 14 सितंबर को महिला आयोग ने हरियाणा पुलिस को इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा।
आरोप है कि पुलिस ने मामले में देरी की और एक महीने बाद जाकर प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में पिछले हफ्ते ही प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया है।
जींद पुलिस ने बताया कि प्रिंसिपल के खिलाफ धारा 354 (यौन उत्पीडऩ), 341, 342 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्कूल स्टाफ ने क्या कहा?
बीबीसी से बात करते हुए स्कूल के एक पुरुष शिक्षक ने कहा कि आरोप प्रिंसिपल पर है लेकिन हैरानी की बात यह है कि अगर इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के साथ कुछ गलत हो रहा था तो स्टाफ सदस्यों को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए थी।
शिक्षक ने दावा किया कि उन्हें मामले की जानकारी तब हुई जब शिक्षा विभाग की टीम जांच करने स्कूल पहुंची।
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां तीन सदस्यीय यौन उत्पीडऩ विरोधी समिति भी है, लेकिन उन्हें भी कुछ नहीं बताया गया। पत्र सीधे उच्च अधिकारियों को भेजा गया था।’
‘हालांकि इसकी प्रामाणिकता जांच का विषय है, लेकिन किसी भी छात्र और अभिभावक ने स्कूल स्टाफ से बात नहीं की है। घटना के बाद से सभी शिक्षक सदमे में हैं कि इतनी बड़ी घटना हो गई और उन्हें पता भी नहीं चला।’
बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल का ज्यादातर स्टाफ पिछले साल ट्रांसफर होकर आया था और उस समय स्कूल में पहले से ही काले शीशे वाला केबिन बना हुआ था, जिसके कारण उन्हें इसमें कुछ भी अजीब नहीं लगा और न ही इस संबंध में किसी ने विरोध जताया।
अध्यापक ने बताया कि इस विद्यालय का दसवीं और बारहवीं कक्षा का परिणाम बहुत अच्छा रहा है और बीस, तीस छात्राएं भी मेरिट में आती हैं।
‘पीडि़त बच्चियां काफी डरी हुई हैं’
बाल कल्याण टीम के साथ पहुंची जींद की जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने बताया कि पीडि़त और अन्य छात्राएं सदमे में हैं।
उन्होंने कहा कि लड़कियां अभी खुलकर बात करने में झिझक महसूस कर रही हैं और उनके माता-पिता भी फिलहाल बात नहीं कर रहे हैं।
सुजाता के मुताबिक, उनसे बात करने और उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है ताकि वे सहज हो सकें और फिलहाल पीडि़त लड़कियों की संख्या साठ से भी ज्यादा हो सकती है।
बाल कल्याण समिति की काउंसलर ममता शर्मा का कहना है कि छात्राएं काफी डरी हुई हैं और उनके मन में कहने को बहुत कुछ है लेकिन माहौल उनके खिलाफ हो गया है।
ममता शर्मा का कहना है कि इस घटना का लड़कियों के मन पर गहरा असर पड़ा है और भविष्य में कुछ नई बातें भी सामने आ सकती हैं।
पुलिस ने अभियुक्त का मोबाइल फोन और अन्य सिम कार्ड भी जब्त कर लिया है।
जांच जारी : उपायुक्त जींद
जींद के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद ए राजा ने कहा है कि उन्हें भी व्हाट्सएप पर पत्र मिला है और उन्होंने इस पर कार्रवाई की है।
इसके अलावा पुलिस की अपनी जांच भी जारी है, जिसमें प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसके अलावा निदेशक स्कूल शिक्षा, पंचकुला भी अपनी जांच कर रहे हैं और हरियाणा सरकार भी कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ के तहत जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि महिला आयोग की जांच भी अलग तरीके से आगे बढ़ रही है। (bbc.com/hindi)