खेल

क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल- अहमदाबाद की पिच की सबसे बड़ी परीक्षा
17-Nov-2023 8:38 PM
क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल- अहमदाबाद की पिच की सबसे बड़ी परीक्षा

नितिन श्रीवास्तव

अहमदाबाद से, 17 नवंबर। अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम अपने इतिहास का सबसे बड़ा मैच आयोजित करने जा रहा है.

रविवार को 2023 एकदिवसीय वर्ल्ड कप का फ़ाइनल मेज़बान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इसी मैदान पर खेला जाएगा.

ज़ाहिर है, सवा लाख दर्शकों की क्षमता वाले दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम की पिच का भी ये पहला बड़ा इम्तेहान है.

पहले मोटेरा के नाम से मशहूर इस स्टेडियम में कई अहम मैच हो चुके हैं जिसमें 2011 विश्व कप का क्वॉर्टर फ़ाइनल भी शामिल है जो इत्तेफ़ाक से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही हुआ था.

बल्लेबाज़ी के लिए सटीक कही जाने वाली उस पिच पर भारत की जीत हुई थी.

पिच की तैयारी
स्टेडियम के नवीनीकरण के साथ यहां की पिचें भी नई बिछाईं गई थीं और आम तौर पर देखा गया है उसके बाद यहां पर बल्लेबाज़ी के अनुकूल पिच रही है.

वरिष्ठ क्रिकेट विश्लेषक अयाज़ मेमन ने अहमदाबाद क्रिकेट मैदान पर दर्जनों बड़े बैच कवर किए हैं और उनके मुताबिक़, "यहां पर बल्लेबाज़ों को पिच से जूझना नहीं पड़ता है. अगर पिच को ज़्यादा रोल किया जाएगा और ऊपर से घास हटा दी जाएगी तो स्पिन गेंदबाज़ी को मदद भी मिलेगी."

अगर इतिहास पर नज़र डालें और एकदिवसीय मैचों की बात की जाए तो अहमदाबाद में अब तक 30 एकदिवसीय मैच हो चुके हैं जिसमें से 15 पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने जीते हैं और 15 रनों के टार्गेट का पीछा करने वाली टीम ने.

इस बात को याद रखना ज़रूरी है कि धीमी पिच के बावजूद अहमदाबाद के मैदान पर बैटिंग का औसत पांच रन प्रति ओवर के आस-पास का ही है.

हालाँकि पिछले कुछ सालों में अहमदाबाद की पिच में पहले से ज़्यादा तेज़ी देखी गई है और आईपीएल मैचों में इससे बल्लेबाज़ों को रन बनाने में मदद भी मिली है.

दिलचस्प बात ये भी है कि इसी वर्ल्ड कप के शुरुआती मैच - जिसमें मौजूदा चैम्पियन इंग्लैंड की भिड़ंत पिछले साल की फ़ाइनलिस्ट टीम न्यूज़ीलैंड से हुई थी- में न्यूज़ीलैंड के डेवन कॉनवे ने 152 रन नाबाद बनाते हुए इस मैदान में एकदिवसीय क्रिकेट का सबसे बड़ा निजी स्कोर भी अपने नाम कर लिया है.

द्रविड़ और रोहित का मुआयना
शुक्रवार को टीम इंडिया का ऑप्शनल नेट्स अभ्यास था जिसमें सभी खिलाड़ी तो नहीं आए लेकिन फ़ैसले लेने वाला टीम मैनेजमेंट मौजूद था.

कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़, बैटिंग कोच विक्रम राठौर, गेंदबाज़ी कोच पारस म्हामब्रे और फ़ील्डिंग कोच टी दिलीप ने कम से कम 20 मिनट तक पिच का हर कोने से मुआएना किया और आपस में बात-चीत करते रहे.

इस मैदान में वर्ल्ड कप के चार मैच हुए हैं और पहले वाले को छोड़ कर बाक़ी तीनों लो-स्कोरिंग रहे हैं क्योंकि पिच ने धीमी गेंदबाज़ी यानी स्पिन को ज़्यादा मदद दी है.

इस लेहाज़ से भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव और रवींद्र जाडेजा को अपने 20 ओवरों में मदद मिलनी चाहिए.

रही बात ऑस्ट्रेलिया की तो कोलकाता में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ हुए सेमीफ़ाइनल में उनके बल्लेबाज़ स्पिन गेंदबाज़ी से जूझते हुए दिखे थे और स्टीव स्मिथ तो कैरम बॉल पर क्लीन-बोल्ड भी हुए थे.

पिच को लेकर भारतीय ख़ेमे में बस एक ही बड़ी दुविधा रहेगी. अगर ये पिच धीमी खेलती है तो अब तक के टूर्नामेंट में घातक रही भारतीय पेस तिकड़ी की मेहनत बढ़ जाएगी.

बुमराह, शमी और सिराज को अपने सीम गेंदबाज़ी के लिए पिच से थोड़ी मदद चाहिए जिसके लिए थोड़ी बहुत घास की ज़रूरत रहेगी.

वैसे इस मैदान पर खेले गए पिछले पांच मैचों में से तीन मैच उन टीमों ने जीते हैं जिन्होंने पहले गेंदबाज़ी की और बाद में टार्गेट चेज़ किया. (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news