विशेष रिपोर्ट

धान बोनस से किसान मालामाल
27-Dec-2023 6:22 PM
धान बोनस से किसान मालामाल

   टॉप-20 में कई कांग्रेस-भाजपा नेता भी   

विशेष रिपोर्ट : शशांक तिवारी

रायपुर, 27 दिसंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। धान का बकाया बोनस मिलने से किसान मालामाल हुए हैं। सबसे ज्यादा बोनस महासमुंद के एक किसान हृदयानंद को 16 लाख रूपए से अधिक मिला है। खास बात यह है कि टॉप-20 की सूची में कांग्रेस, और भाजपा के नेता भी शामिल हैं। 

सुशासन दिवस पर साय सरकार ने वर्ष 2014-15, और 2015-16 का बकाया बोनस दिया है। दो साल का कुल मिलाकर 6 सौ रूपए प्रति क्विंटल बोनस किसानों के खाते में अंतरित हुए हैं। कुल मिलाकर 37 सौ 16 करोड़ रूपए किसानों के खाते में जारी किए गए। 

प्रदेश में सबसे ज्यादा बोनस पाने वाले हृदयानंद महासमुंद के नूनपाली गांव के मालगुजार हैं। उन्हें दो साल का बोनस के रूप में 16 लाख 29 हजार 360 रूपए प्राप्त हुए हैं। हृदयानंद ने दो साल में 5431.20 क्विंटल धान प्राथमिक सहकारी सोसायटी को बेचा था। 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री रमेश बैस के भाई महेश बैस को बोनस के रूप में 9 लाख 39 हजार 360 रूपए प्राप्त हुए हैं। महेश बैस पूर्व मंत्री राजेश मूणत के चुनाव संचालक थे। बैस ने दो साल में 3131.20 क्विंटल धान बेचा था। इसी तरह पूर्व जिला पंचायत सदस्य अंगेश्वर नायक को 9 लाख 23 हजार 400 रूपए बोनस के रूप में मिला है। महेश टॉप-20 की लिस्ट में 12वें नंबर पर हैं। जबकि अंगेश्वर नायक 14वें नंबर पर हैं। 

बिलासपुर के बरतोरी के किसान अरविंद दूसरे नंबर पर रहे हैं। उन्हें 14 लाख 72 हजार बोनस के रूप में मिला है। इसी तरह तीसरे नंबर पर बेमेतरा के बीजाभाठा के किसान टोपेन्द्र को 14 लाख 11 हजार 80 रूपए बोनस के रूप में मिला है। महासमुंद के रिसिकेला के किसान तारकराम पटेल और शरद कुमार को क्रमश: 11 लाख 94 हजार, और 10 लाख 47 हजार बोनस के रूप में मिला है। लिस्ट में सबसे ज्यादा बोनस पाने वालों में वो चौथे और पांचवें नंबर पर रहे हैं। 

दिवंगत पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला के पुत्र सुनील कुमार शुक्ला को 10 लाख 41 हजार रूपया बोनस मिला है। सुनील शुक्ला कांग्रेस के नेता हैं, और वो सबसे ज्यादा बोनस पाने वालों की लिस्ट में 6वें नंबर पर रहे हैं। 

इसके अलावा बालोद के कचांदुर के सुदर्शन कुमार 7वें नंबर पर रहे हैं। उन्हें 9 लाख 80 हजार, बिलासपुर के प्रहलाद प्रसाद को 9 लाख 74 हजार 160, बेमेतरा के बेरला के किसान लालसिंह 9वें नंबर पर रहे हैं। उन्हें बोनस के रूप में 9 लाख 66 हजार 960 रूपए मिला है। महासमुंद के सलडीह के किसान प्रसन्न कुमार को 9 लाख 62 हजार से अधिक बोनस मिला है। वो सूची में 10वें नंबर पर हैं। 11वें नंबर पर प्रीति देवी को 9 लाख 61 हजार 560 रूपए धान बोनस के रूप में मिला है। 

महासमुंद के बड़ेसाजापाली के किसान जीवन प्रकाश को 9 लाख 34 हजार 2 सौ रूपए मिला है। वो लिस्ट में 13वें नंबर पर हैं। बलौदाबाजार के मल्दी के किसान अनिल कुमार को 9 लाख 29 हजार 280 रूपए, मुंगेली के टेढ़ाधौरा के किसान विश्वनाथ सिंह को 9 लाख 27 हजार मिला है, वो सूची में 15वें नंबर पर रहे हैं। 

बेमेतरा के सिलघट के किसान संतराम को 9 लाख 61 हजार मिला है। वो टॉप-20 की सूची में 17वें नंबर पर रहे हैं। राजनांदगांव के गंडई के पूर्व मालगुजार लाल टाकेश्वर शाह को 9 लाख 6 हजार रूपए बोनस मिला है। वो सूची में 18वें नंबर पर रहे हैं। शाह परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा। महासमुंद के बड़ेसाजापाली के रेवती रमन को 8 लाख 87 हजार बोनस मिला है। वो 19वें नंबर पर रहे हैं। बेमेतरा के सिलघट के भोदू राम को 8 लाख 72 हजार रूपए बोनस के रूप में मिला है। और वो लिस्ट में 20वें नंबर पर रहे हैं। 

जमीनों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे
खबर है कि खाद्य विभाग ने बोनस के रूप में लाखों रूपए प्राप्त करने वाले किसानों की जमीन का ब्यौरा भी मांगा है। यह पता लगाया जा रहा है कि उक्त किसानों की कितनी जमीन है, और वो कितना धान बेचते रहे हैं। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। 

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