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वन एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन प्रतिबद्ध: कांग्रेस
20-Feb-2024 4:39 PM
वन एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन प्रतिबद्ध: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 20 फरवरी कांग्रेस ने ‘वन’ की परिभाषा से संबंधित उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि यदि 2024 में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की सरकार बनती है तो वह वनक्षेत्रों एवं पर्यावरण के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध रहेगी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से सरकार की उस ‘विनाशाकारी योजना’ पर रोक लगी है, जिसके माध्यम से वह भारत के जंगलों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपना और पर्यावरण को प्रदूषित करना आसान बनाना चाहती थी।

उच्चतम न्यायालय ने देश भर में वन संरक्षण के लिए सोमवार को कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि वन भूमि पर चिड़ियाघर खोलने या ‘सफारी’ शुरू करने के किसी भी नये प्रस्ताव के लिए अब न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

शीर्ष अदालत ने इस अभ्यावेदन पर गौर किया कि संरक्षण संबंधी 2023 के संशोधित कानून के तहत वन की परिभाषा में लगभग 1.99 लाख वर्ग किलोमीटर वन भूमि को ‘जंगल’ के दायरे से बाहर रखा गया है और इसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चुनावी बॉण्ड घोटाले के बाद उच्चतम न्यायालय ने स्पष्टतया मोदी सरकार की एक और अवैध एवं विनाशकारी योजना पर रोक लगा दी है।

प्रधानमंत्री अपने कॉरपोरेट मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के जंगलों को सौंपना और पर्यावरण को प्रदूषित करना आसान बनाना चाहते थे। इसलिए सबसे पहले, उन्होंने 2017 में नियमों में बदलाव किया, ताकि वन मंजूरी का उल्लंघन करने वाली परियोजनाओं को वैध बनाया जा सके।’’

उन्होंने दावा किया कि कोयला खदानों, कारखानों और सीमेंट संयंत्रों सहित बड़े कॉरपोरेट घरानों की 100 से अधिक परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी का उल्लंघन करते हुए खुलेआम काम शुरू करने की अनुमति दी गई।

रमेश ने कहा, ‘‘इसके बाद, 2023 में मोदी सरकार वन संरक्षण संशोधन लेकर आई, जिसके जरिये दो लाख वर्ग किलोमीटर जंगल को संरक्षित वनक्षेत्र के दायरे से हटा दिया गया। यह 1996 के उच्चतम न्यायालय के फैसले का पूरी तरह से उल्लंघन था। इस संशोधन से "मानित वनों" के साथ-साथ उत्तर पूर्व के जंगलों को भी हटाना आसान हो जाएगा।’’ उनका कहना था, ‘‘शुक्र है कि उच्चतम न्यायालय ने इन दोनों अवैध कदमों पर रोक लगा दी है। उसने पर्यावरणीय मंजूरी का उल्लंघन करने वाली परियोजनाओं को दी गई अवैध अनुमतियों पर रोक लगा दी है और आदेश दिया है कि 1996 के निर्णय के अनुसार वन की शब्दकोश की परिभाषा का अनुसरण किया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी इस आदेश की सराहना करती है और ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर यह (सरकार) भारत के जंगलों और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘भारत की सर्वोच्च अदालत में एक-एक करके मोदी सरकार के घोटालों और धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो रहा है।’’ रमेश ने अपने एक अन्य पोस्ट में कहा कि देश भर में आर्द्रभूमि गंभीर खतरे में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इनका अत्यधिक पारिस्थितिक महत्व है और इनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।’’ (भाषा) 

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