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![गगनयान मिशन के लिए नामित चार अंतरिक्ष यात्री ले रहे कड़ा प्रशिक्षण गगनयान मिशन के लिए नामित चार अंतरिक्ष यात्री ले रहे कड़ा प्रशिक्षण](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1709138852sro.jpeg)
बेंगलुरु, 28 फरवरी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2025 में गगनयान मिशन के तहत पृथ्वी की कक्षा में भेजने के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री उड़ान अभ्यास और योग के अलावा सिमुलेटर, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में रहने के अभ्यास सहित कड़े प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं।
इसरो का संबंधित प्रशिक्षण प्रतिष्ठान यहां भारतीय वायुसेना के पायलटों-ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला के लिए ऐसी गतिविधियों का केंद्र है।
इसरो के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘‘उन्हें एयरो-मेडिकल, स्थिति से निपटने और विपरीत परिस्थितियों में जीवित रहने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह क्लासरूम प्रशिक्षण, शारीरिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण, सिमुलेटर प्रशिक्षण और फ्लाइट सूट प्रशिक्षण के अतिरिक्त है।’’
अंतरिक्ष एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि प्रशिक्षण मॉड्यूल में शैक्षणिक पाठ्यक्रम, गगनयान उड़ान प्रणाली, परवलयिक उड़ानों के माध्यम से सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण की जानकारी, पुनर्प्राप्ति प्रशिक्षण, उड़ान प्रक्रियाओं में महारत हासिल करना और चालक दल प्रशिक्षण सिमुलेटर पर प्रशिक्षण भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रशक्षिण सत्रों में समय-समय पर उड़ान भरने का प्रशिक्षण और योग भी शामिल है।’’
सूत्रों ने बताया कि रूस स्थित गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) में चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के सामान्य अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद भारत में खासतौर पर गगनयान मिशन के लिए उनका प्रशिक्षण शुरू हो गया है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘विशेष तौर पर इस मिशन के लिए दिए जाने प्रशिक्षण में इंजीनियरिंग विषयों में सैद्धांतिक पाठ्यक्रम, गगनयान उड़ान प्रणालियों पर प्रशिक्षण और सिमुलेटर व उड़ान प्रक्रियाओं पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘चालक दल प्रशिक्षण का पहला सेमेस्टर सफलतापूर्वक पूरा हो गया है और इसमें 39 प्रशिक्षण गतिविधियां शामिल थीं। इन सदस्यों ने इसरो और बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में 40 संकायों के 218 व्याख्यानों में भाग लिया। इसमें 75 शारीरिक प्रशिक्षण सत्र, उड़ान अभ्यास, चिकित्सा मूल्यांकन और पाठ्यक्रम मूल्यांकन शामिल था।’’ (भाषा)