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संजय सिंह ईडी की कार्रवाई, जेल की कैद और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या बोले?
08-Apr-2024 4:26 PM
संजय सिंह ईडी की कार्रवाई, जेल की कैद और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या बोले?

  सर्वप्रिया सांगवान

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इसी सप्ताह सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए हैं।

दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में वह करीब छह महीने से जेल में बंद थे।

इसी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में बंद हैं।

बाहर निकलने के बाद संजय सिंह ने बीबीसी की सर्वप्रिया सांगवान के साथ खास बातचीत में शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के केस, इंडिया गठबंधन, लोकतंत्र, नेताओं के एक पार्टी से दूसरे में जाने और आगामी लोकसभा चुनाव पर अपनी राय रखी।

पढि़ए इस बातचीत के कुछ खास अंश।

सवाल- जब जेल में पता चला कि अरविंद केजरीवाल भी गिरफ़्तार हो गए हैं, तब कैसा लगा? क्या ऐसा लगा कि सब ख़त्म हो गया?

संजय सिंह- एक पल को बहुत तकलीफ हुई। उस समय मुझे ये लगा कि इस समय मुझे बाहर होना चाहिए था, तो मैं और मजबूती से लड़ पाता। लेकिन फिर जब मैंने देखा कि हमारे कार्यकर्ता लाठियां खा रहे हैं, घसीटे जा रहे हैं, विधायकों को, मंत्रियों को बसों में भरा जा रहा है, फिर भी वो एकदम संघर्ष कर रहे हैं, तो बड़ा अच्छा लगा।

अगर पार्टी के लिहाज से देखेंगे तो हमारे सबसे बड़े नेता और हमारे मुखिया को जेल में डाल दिया। ये पार्टी खत्म करने की साजिश है बीजेपी की। उसी को लेकर इन्होंने सारे खेल किए हैं, लेकिन ये कामयाब नहीं होंगे। हम लोग इनसे पहले भी लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे।

सवाल- बहुत लोग जेल से डरते हैं। क्या है ये जेल जाने का डर?

संजय सिंह- बाहर बैठे व्यक्ति की जेल के बारे में धारणा है कि चार खाने वाला कुर्ता होता है, उसी का पायजामा होता है, टोपी लगानी है और पत्थर तोडऩा होता है। ऐसा कुछ नहीं होता है आज की जेलों में। आज की जेलें बहुत परिवर्तित हो चुकी हैं। दूसरी बात है कि कष्ट होता है, इसमें कोई दोराय नहीं।

11 दिनों तक मुझे एक कोठरी में रखा गया। लोगों से मिलने की इजाजत नहीं थी। छह महीने तक जब तक जेल में रहा, खुद से अपना सारा काम किया। बर्तन मांजना, कपड़े धोना, झाड़ू लगाना हो। सब किया। छह महीने इस जेल के दौरान दूसरा अच्छा पक्ष ये है कि उतनी किताबें पढ़ीं, जितनी छह साल में नहीं पढ़ पाता। फोन नहीं थे हमारे पास, दिन में थोड़ी देर सो लेते थे। म्यूजिक़ रूम में गाना गाने पहुंच जाता था।

मैं आज की तारीख में देखता हूं कि ये नेता डर के चला गया, वो चला गया। डरिए मत। क्योंकि इससे लोगों का विश्वास टूटता है। आज आप बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं, कल को आप बीजेपी का झंडा उठा ले रहे हैं, सिर्फ ईडी-सीबीआई के डर से। क्या हो जाएगा, राजनीति कर रहे हैं, चार-छह महीने जेल में रहना पड़ेगा तो कोई बात नहीं। कितने क्रांतिकारियों, राजनेताओं ने जेल काटी है।

मैं ये लोगों से कहूंगा कि इस वक्त देश के अंदर जो तानाशाह सरकार है, जो निर्वाचित सरकारों को तोड़ती है, गिराती है, विधायकों को खरीदती है, डराती-धमकाती है, डरो मत। डरोगे तो कायर के रूप में याद किए जाओगे, लड़ोगे तो बहादुर के रूप में याद किए जाओगे।

संजय सिंह को जमानत मिलने से क्या आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनावों में फायदा होगा?

सवाल- शराब नीति में कुछ तो हुआ होगा कि ईडी ने इतनी बड़ी कार्रवाई कर दी?

संजय सिंह- मुझे लगता है कि दिल्ली में तो किसी दिन हंसी घोटाला भी आ जाएगा। कहा जाएगा कि 15 मिनट हंसने का टाइम है, आम आदमी पार्टी वाले तो 18 मिनट तक हंसे। हमारे खिलाफ आज से नहीं, 2015 से लगे हैं ये लोग। आपको याद होगा तब भी केजरीवाल जी के दफ्तर में सीबीआई का छापा पड़ा था। तब भी इस्तीफा मांग रहे थे।

(संजय सिंह एक शख्स की प्रधानमंत्री मोदी के साथ तस्वीर दिखाते हुए) मोदी जी के साथ फोटो में मंगुटा रेड्डी हैं, जिनको ईडी शराब का घोटालेबाज कह रही थी और उनके बेटे को गिरफ्तार किया था शराब घोटाले में। अब 2024 में ये प्रधानमंत्री मोदी की फ़ोटो लगाकर वोट मांग रहे हैं।

मंगुट्टा रेड्डी साहब के घर ईडी का छापा पड़ा। इनसे पूछा गया केजरीवाल जी को जानते हो। इन्होंने कहा हां मिले थे चैरिटेबल ट्रस्ट की जमीन के मामले में। 10 फऱवरी 2022 को इनके बेटे राघव रेड्डी को गिरफ़्तार कर लिया गया।

10 फऱवरी से 16 जुलाई तक राघव रेड्डी के सात बयान लिए जाते हैं, मंगुट्टा रेड्डी के तीन बयान लिए जाते हैं। जब बाप-बेटे का तीन और सात मिलाकर 10 बयान होता है, और आठ बयानों में वे केजरीवाल के खिलाफ नहीं बोलते हैं। एक-दो बयानों में बोलते हैं, उन लोगों को जमानत मिल जाती है। राघव रेड्डी को 18 जुलाई को जमानत मिल जाती है।

एक सबसे बड़ी बात जो आठ बयान केजरीवाल जी के खिलाफ नहीं दिए गए थे, उन्हें ईडी ने छिपा दिया। उसको कोर्ट के सामने नहीं रखा। शरद रेड्डी को 2022 में गिरफ्तार किया गया। 12 बयानों में नाम नहीं लेते हैं और अंतिम के एक-दो बयानों में लेने के बाद ही उनकी जमानत हो जाती है ।

शरद रेड्डी 10 नवंबर ईडी की हिरासत में जाते हैं और 15 नवंबर को 5 करोड़ की रिश्वत भाजपा को पेश करवाते हैं। अपनी गिरफ़्तारी से लेकर उसके बाद तक कुल वह 55 करोड़ रुपये भारतीय जनता पार्टी को देते हैं, इलेक्टोरल बॉन्ड्स के ज़रिए।

सवाल- लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड्स के ज़रिए पैसे तो आम आदमी पार्टी को भी मिले हैं?

संजय सिंह- हम तो कह रहे हैं कागज़ातों की जाँच करवाइए। भाजपा का जो सच है, जिसमें उनका घोटाला सामने आ रहा है उसपर जाँच क्यों नहीं करवा रहे।

सवाल- दिल्ली में संवैधानिक संकट हुआ तो आप लोग क्या करेंगे?

संजय सिंह- इसका कोई सवाल ही नहीं है। दिल्ली का काम चल रहा है। हमारे मंत्री अच्छे से काम कर रहे हैं। मणिपुर एक साल से जल रहा है। वहां पर करगिल के फौजी की पत्नी को निर्वस्त्र कर के घुमाया जाता है। हिंसा हो रही है, दंगे हो रहे हैं और वहां के मुख्यमंत्री को तो भाजपाई माला पहनाकर, कंधे पर लेकर घूम रहे हैं। वहां कोई संकट नहीं?

सवाल- आप कहते हैं कि केंद्रीय जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है बीजेपी, लेकिन राहुल गांधी, ममता बनर्जी पर भी आरोप है। लेकिन वो जेल में नहीं हैं?

संजय सिंह- उनके ख़िलाफ़ भी तो हो ही रहा है दुरुपयोग। मुकदमे हो रहे हैं। उनको भी जेल में डाल देंगे।

सवाल- अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो क्या पीएमएलए के सख्त प्रावधानों को हटाएंगे, क्या ईडी की पावर को कम करेंगे?

संजय सिंह- वो मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उसपर फैसला आने दीजिए। न्यायालय पर भरोसा करते हैं।

सवाल- मौजूदा विपक्ष में लोकतंत्र को बचाने की ताकत है?

संजय सिंह-अगर ताकत नहीं है तो पैदा करनी पड़ेगी। कोई विकल्प नहीं है। इंडिया गठबंधन इस बार चुनाव जीतेगा और बीजेपी हारेगी। एनडीए हारेगा और इसी घबराहट का नतीजा है कि ये गिरफ्तारियां हो रही हैं। कोई भी राजनेता इस समय में ऐसे काम नहीं करता है, जो काम मोदी जी कर रहे हैं।

अगर ये 400 पार कर रहे होते तो क्या जरूरत थी केजरीवाल और हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने की। इसका मतलब घबराहट है। इसका मतलब मोदी जी जान रहे हैं कि नीचे सब कुछ ठीक नहीं है। क्योंकि पिछले चुनाव में तो सैचुरेशन पॉइंट पर था सब। हर जगह जीते ही थे, तो अब नीचे ही आना है न।

सवाल- पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पर आलोचकों को दबाने के आरोप पर क्या कहेंगे?

संजय सिंह- आम आदमी पार्टी की सरकार में पंजाब के अंदर भी कहीं दुर्भावना से काम नहीं किया। वहां भी हम शिक्षा, स्वास्थ्य के मॉडल पर काम कर रही है। हमने तो गलत पाने के बाद अपने मंत्री पर भी केस किया। सिर्फ विपक्ष पर ही थोड़े कार्रवाई कर रहे हैं।  (bbc.com/hindi)

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