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नशे की लत से छुड़ाने में कितनी कारगर होगी कोकेन वैक्सीन
11-Apr-2024 3:14 PM
नशे की लत से छुड़ाने में कितनी कारगर होगी कोकेन वैक्सीन

 अलीने श्पान्टिश

दुनिया में कोकेन का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2021 में लगभग 2.2 करोड़ लोगों ने इस ड्रग का सेवन किया। यह संख्या अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क की जनसंख्या से अधिक है।

यूरोप में, कैनाबीज यानी भांग के बाद कोकेन दूसरा सबसे सामान्य स्ट्रीट ड्रग है। इसे कोका की पत्तियों से निकाला जाता है और आमतौर पर पाउडर के रूप में सूंघा जाता है।

इसकी लत काफी ज्यादा तेजी से लगती है और इसकी वजह से शरीर का कोई हिस्सा हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकता है। कोकेन शरीर को उसकी अधिकतम सीमा तक धकेल देती है, जिससे मैराथन दौडऩे जैसा शारीरिक असर पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति इससे छुटकारा पाना चाहता है, तो उसे काफी ज्यादा शारीरिक और मानसिक तनाव झेलना पड़ता है।

ब्राजील के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कोकेन की लत से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन से मदद मिलेगी। यह वैक्सीन लोगों को नशीली दवाओं का सेवन करने से रोकेगा और नशे की लत के जोखिम को कम करेगा।

कोकेन से शरीर और मस्तिष्क पर क्या असर पड़ता है?

जब कोकेन को पाइप के माध्यम से सूंघा या धूम्रपान किया जाता है, तो यह पदार्थ खून के जरिए तेजी से मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। वहां यह ड्रग शरीर को कई तरह के संदेशवाहक पदार्थों को छोडऩे के लिए उत्तेजित करता है, जिनमें डोपामाइन भी शामिल है। इससे व्यक्ति को काफी ज्यादा खुशी का एहसास होता है।

कोकेन का सेवन करने पर शरीर काफी ज्यादा सक्रिय हो जाता है। व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है। हृदय पूरी क्षमता से पंप करता है और धमनियां संकरी हो जाती हैं। ब्लड प्रेशर और शरीर का तापमान बढ़ता है। भूख-प्यास कम लगती है। स्थिति ज्यादा खराब होने पर, हृदय गति रुक सकती है।

कोकेन का सेवन करने के पांच मिनट बाद और तीस मिनट के बीच इसका असर सबसे ज्यादा होता है। बर्लिन ड्रग थेरेपी एसोसिएशन के चिकित्सक हंसपीटर एकर्ट ने कहा, ‘ऐसा महसूस होता है जैसे सारी समस्याएं खत्म हो गई हों।’

कोकेन का सेवन करने के बाद, मस्तिष्क को इसकी लत लगने लगती है। एकर्ट कहते हैं, ‘शरीर को लगता है कि जिंदा रहने के लिए यह जरूरी चीज है।’

जब आप नशे के आदी होते हैं, तो अधिक कोकेन की चाहत आपके दिमाग पर हावी हो जाती है। आपको ऐसा आभास होता है कि इससे शरीर को नुकसान हो रहा है, लेकिन आप इसे अनदेखा करने लगते हैं। आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे कि स्वास्थ्य, अपने दोस्त, काम वगैरह को नजरअंदाज करना शुरू कर देते हैं।

वैक्सीन कैसे मदद करेगी?

ब्राजील के शोधकर्ता चाहते हैं कि उनकी बनाई वैक्सीन शरीर को ऐसे एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करे जो कोकेन का इस्तेमाल होने पर उससे चिपक जाए। इससे इस नशे के लिए जिम्मेदार तत्व, खून के जरिए मस्तिष्क तक न पहुंच पाएं।

अगर कोकेन मस्तिष्क तक नहीं पहुंचेगा, तो व्यक्ति को उत्तेजित नहीं करेगा और उसे नशा नहीं होगा। साथ ही, मस्तिष्क उस तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं करेगा जिसकी वजह से कोई व्यक्ति बार-बार कोकीन का सेवन करना चाहता है।

ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ मिनस गेराइस के शोधकर्ता और वैक्सीन बनाने में मदद कर रहे फ्रेडरिको गार्सिया ने डीडब्ल्यू ब्राजील को दिए इंटरव्यू में बताया कि मरीज इस ड्रग का सेवन करने पर कुछ अलग महसूस करते हैं। गार्सिया की रिसर्च टीम ने चूहों पर वैक्सीन का ट्रायल किया है। उनका मानना है कि इन प्रयोगों के नतीजे इंसानों के लिए भी काम के हो सकते हैं। अगर ऐसा है, तो उनकी वैक्सीन दुनिया की पहली एंटी-कोकीन वैक्सीन होगी।

अमेरिका के शोधकर्ता भी कोकेन वैक्सीन विकसित कर रहे हैं। इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल बाकी है। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि यह वैक्सीन कब उपलब्ध होगी।

क्या नशे की लत से छुटकारा दिला सकती है वैक्सीन?

वैक्सीन को लेकर किए जा रहे शोध को एकर्ट सैद्धांतिक तौर पर सही मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर नशा नहीं होगा, तो दिमाग शांत रहेगा। साथ ही, शरीर को भी इस लत से होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।’

हालांकि, एकर्ट ने कहा कि उन्हें वैक्सीन के नतीजों को लेकर संदेह भी है। उनका कहना है कि इलाज बहुत मुश्किल काम है। लोगों को ठीक होने, खुद को परखने, अपने शरीर और दिमाग को समझने, अपनी भावनाओं एवं समस्याओं पर बात करने और मुश्किल फैसले लेने की हिम्मत जुटाने के लिए कम से कम एक साल के इलाज की जरूरत होती है।

एकर्ट कहते हैं कि सिर्फ कठिन सवालों का सामना करके ही मरीज अपने जीवन पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं। जैसे, क्या ऐसे दोस्त हैं जिनसे मुझे बचना चाहिए, मैं ड्रग छोडऩे के दौरान शारीरिक दर्द को कैसे सहन करूंगा? वगैरह। यह वैक्सीन कभी-कभी ड्रग का सेवन करने वाले लोगों के लिए नहीं है।

क्या कोकेन वैक्सीन से ओवरडोज का खतरा बढ़ जाएगा?

एकर्ट ने चेतावनी दी कि वैक्सीन लेने वाले लोगों को कोकेन की अधिक मात्रा लेने का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप ड्रग का सेवन करते हैं और आपको पहले की तरह ‘मजा नहीं आता', तो आप ओवरडोज ले सकते हैं। इससे आपके शरीर को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है और यहां तक कि मौत हो सकती है।

कोका ना उगाएं तो क्या करें ये लोग

यूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन से जुड़ी मारिका फेरी की चिंताएं अलग हैं। वह कहती हैं, ‘यह पदार्थ अपने-आप में कोई अलग समस्या नहीं है।’

अगर कोई व्यक्ति कोकेन का सेवन बंद कर देता है, तो उसकी सभी समस्याएं अपने-आप हल नहीं हो जाएंगी। नशे से होने वाले शारीरिक नुकसान के साथ-साथ किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर नशे के असर को भी ठीक करने की आवश्यकता है।

फेरी ने कहा, ‘इसमें समय लगता है। वैक्सीन उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जिनका इलाज जारी है। इससे ऐसे लोगों को कोई फायदा नहीं होगा जो इस लत को छोडऩे के लिए किसी तरह का परामर्श नहीं ले रहे हैं या इलाज नहीं करा रहे हैं।’

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