विचार / लेख
अपूर्व गर्ग
ये वो आंकड़े हैं जो बताते हैं पूर्व प्रधान मंत्री और बीजेपी के सबसे बड़े नेता अटल बिहारी बाजपेयी ने कहाँ -कहाँ से चुनाव लड़े ,सांसद बने। इसमें ये भी जोड़ें कि 1957 में अटल जी मथुरा से लड़े और राजा महेंद्र प्रताप सिंह से बुरी तरह पराजित हुए थे।
1957-1962 MP, Balrampur (Lok Sabha constituency) wnd Lok Sabha
1967 MP, Balrampur (Lok Sabha constituency) yth Lok Sabha
1971 MP, Gwalior (Lok Sabha constituency) zth Lok Sabha
1977 MP, New Delhi (Lok Sabha constituency) {th Lok Sabha (yth term)
1980 MP, New Delhi (Lok Sabha constituency) |th Lok Sabha
1991 MP, Lucknow (Lok Sabha constituency) v®th Lok Sabha
1996 MP, Lucknow (Lok Sabha constituency) vvth Lok Sabha
1999 MP, Lucknow (Lok Sabha constituency) vxth Lok Sabha
2004 MP, Lucknow (Lok Sabha constituency) vyth Lok
इसी तरह 1984 में ग्वालियर से लड़े और माधव राव सिंधिया से हारे।
....तो वाजपेयी जी मथुरा, बलरामपुर, ग्वालियर, दिल्ली, लखनऊ से चुनाव लड़े।
हार जीत दोनों हुई।
बीजेपी के ही नहीं प्रतिपक्ष के नेता भी उतना ही सम्मान और मित्रता उनसे रखते।
अटलजी और नरसिम्हा राव की गुरु -शिष्य जोड़ी कौन नहीं जानता?
राजीव गाँधी ने अटल जी को इलाज के लिए जिस तरह मदद करी, अमरीका भेजा और इसे अटलजी ने खुद इंटरव्यू में बताया, राजीव जी को याद किया। ये सब दजऱ् है।
कभी ये सवाल कर ट्रॉल नहीं किया कि मथुरा, बलरामपुर, ग्वालियर, दिल्ली, लखनऊ से जगह बदल-बदल कर क्यों लड़ रहे?
वे स्वस्थ लोकतंत्र की महान परम्पराओं के दिन थे, जहाँ मुद्दे केंद्र में होते।
आज बीजेपी छोडिय़े पत्रकारों का एक हिस्सा चटखारे ले रहा कि राहुल क्यों रायबरेली से? ये लोग राहुल के उठाये मुद्दों पर बात नहीं करते पर पूरा फोकस ...अमेठी ...रायबरेली है।
सुनिए, कभी इतिहास के पन्ने पलटिये और देखिये पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहाँ-कहाँ से चुनाव लड़ा और ये भी देखिएगा उस दौर के उनके प्रतिपक्ष ने, उस दौर के पत्रकारों ने मथुरा, बलरामपुर, ग्वालियर ,दिल्ली ,लखनऊ को नहीं उनकी नीतियों और वक्तव्यों को मुद्दा बनाया। अब तो बालिग़ हो जाइये!