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अग्निपथ से सुलझेगी समस्या या बढ़ेगी नौजवानों की उलझन
05-May-2024 8:26 PM
अग्निपथ से सुलझेगी समस्या या बढ़ेगी नौजवानों की उलझन

-रजनी ठाकुर
तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ, अग्निपथ। 

हरिवंशराय बच्चन ने इस कविता को लिखते वक्त शायद ही सोचा होगा कि अग्निपथ एक दिन भारतीय सेना के कर्तव्य पथ का एक हिस्सा होगा। साल 2022 में भारत सरकार ने अग्निपथ की घोषणा की जिसके तहत सेना में चार साल के लिए जवानों की भर्ती की जाएगी जो अग्निवीर कहलाएंगे। 

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना में अचानक हुए इस बदलाव की क्या वजह है, चार साल की छोटी अवधि के लिए भर्तियां क्यों की जा रही हैं, जैसे कई सवाल इस घोषणा के बाद से उठाए जा रहे हैं। 

यह बदलाव अचानक नहीं आया है, बल्कि पिछले कई सालों से भारतीय सेना में ‘जोश (युवा) और होश (अनुभवी)’ के बीच संतुलन बनाने की कवायद चल रही है। इस वक्त सेना की औसत उम्र 32 साल है, अग्नि वीरों की भर्ती से अगले 6-7 सालों में इसे घटाकर 26 साल लाने का लक्ष्य रखा गया है। शॉर्ट टर्म सर्विस का कांसेप्ट नया नहीं है, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, स्विटजरलैंड, ब्राजील, स्वीडन जैसे कई देशों में कम समय के लिए सेना में सेवा का प्रावधान है, हालांकि इन देशों में सैन्य सेवा सबके लिए अनिवार्य है।

सेना के साथ सवाल अग्निवीरों के भविष्य का भी है, चार साल में सेना से रिटायर होने के बाद उनके पास क्या विकल्प होगा। भारत जैसे देश में जहां क्लर्क के पोस्ट पर निकलने वाली सरकारी भर्तियों में भी ग्रेजुएट और इंजीनियर आवेदन करते हैं, वहां 21.5 साल से 25 साल की उम्र में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा।

इस सवाल के जवाब के लिए सिक्के का दूसरा पहलू भी समझने की जरुरत है, हमारे देश में इस वक्त युवाओं की संख्या ज्यादा है यानी रोजगार के भी अवसर ज्यादा होने चाहिए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की ‘द इंडिया एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ बताती है कि भारत के कुल बेरोजगारों में 80 फीसदी युवा हैं, हाईस्कूल या उससे ज्यादा पढ़े युवाओं में बेरोजगारी का अनुपात कहीं ज्यादा है। रक्षा विभाग फिलहाल हर साल 50 से 60 हजार अग्नि वीरों की भर्ती करेगी, जिसे अगले 5 सालों में बढ़ाकर 90 हजार से लेकर 1.25 लाख तक किया जाएगा।  भर्तियां बढऩे के साथ ही युवाओं के लिए मौके भी बढ़ेगे। 

भर्ती के लिए उम्र सीमा 17.5 साल- 21 साल की रखी गई है, अग्निवीर बनने के लिए अभ्यर्थियों को पहले कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (CEE) होगा, इसके बाद फिजिकल और मेडिकल टेस्ट देना है, यानी काफी कम उम्र में वह अपनी शारीरिक और बौद्धिक क्षमता को बेहतर करने के लिए काम करेंगे।

यह तैयारी युवाओं को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के साथ टीम स्पिरिट की भावना को बढ़ाने में भी मदद करेगी। ऐसा नहीं है कि 10वीं और 12वीं पास करने वाले युवा अगर अग्निवीर बनते हैं तो उनके आगे की पढ़ाई रुक जाएगी, शिक्षा मंत्रालय अग्निवीरों के लिए तीन साल का कौशल आधारित विशेष डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगा। इसमें सेना में चार साल के कार्यकाल के दौरान मिले प्रशिक्षण के लिए 50 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। यह स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीयमुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) द्वारा शुरू किया जाएगा। यह डिग्री देश और विदेश दोनों जगह नौकरी और उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए मान्य होगी। 

22-23 साल की उम्र तक देश के ज्यादातर युवा या तो पढ़ाई कर रहे होते हैं या नौकरी की तलाश में रहते हैं, अग्निवीरों के पास डिग्री के साथ ही सेना का अनुभव भी होगा।  25% अग्निवीरों के पास सेना में स्थायी नियुक्ति पाने का भी मौका है, चार साल की सेवा के दौरान अगर वह पूरे समर्पण से काम करते हैं तो उन्हें सेना में बने रहने और आगे बढऩे के भरपूर मौके मिलेंगे। सेना में युद्ध के अलावा भी कई ऐसे काम हैं, जहां युवाओं की जरूरत है। 

जिनकी सेवा आगे नहीं बढ़ती है, उनके लिए भी सेना से बाहर कई मौके तैयार किए जा रहे हैं, पैरामिलिट्री फोर्स से लेकर प्राइवेट सेक्टर तक में वह अपना भविष्य तराश सकते हैं, रक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं और इनमें से ज्यादातर पूर्व सैनिक सुरक्षा से जुड़े काम में ही हैं। 

चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर 21.5 साल से 25 साल की उम्र में सेना से बाहर आ जाएंगे। तब उनके पास 12वीं की डिग्री होगी जिसमें सीखी गई सभी स्किल का ब्यौरा होगा।  सेवा निधि पैकेज के रूप में 11.71 लाख रुपए मिलेंगे। उन्हें बैंकों से आसानी से कर्ज देने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे अपना कोई कारोबार खड़ा कर सकें। वे शारीरिक कौशल के साथ कई तरह के अनुभव और प्रशिक्षण से भी लैस होंगे।

अभी तक रक्षा मंत्रालय के 16 पीएसयू ने अपनी नौकरियों में 10 फीसदी अग्निवीरों को रिजर्वेशन देने का एलान कर दिया है। CRPF, ITBP, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और सशस्त्र सीमा बल की नौकरियों में भी 10 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया है। कोस्टगार्ड ने भी भर्तियों में अग्नि वीरों को वरीयता देने का फैसला किया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपील के बाद आनंद महिंद्रा, हर्ष गोयनका, किरण मजूमदार शॉ समेत कई जाने माने उद्योगपतियों और ग्लोबल कंपनियों ने भी अग्नि वीरों को नौकरी देने की बात कही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पुलिस की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है, बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में दूसरे राज्य भी इस तरह की घोषणा करें। 
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कम उम्र में सेना का अनुभव युवाओं को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में मदद तो करेगा ही उनके लिए एक बेहतर भविष्य की बुनियाद भी रखेगा।

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