विचार / लेख

जीतना जरूरी नहीं, मजा दौड़ पूरी करने में
15-May-2024 8:22 PM
जीतना जरूरी नहीं, मजा दौड़ पूरी करने में

-आर.के.जैन
12वी क्लास के रिजल्ट्स आ गए हैं । 95% स्कोर करने वाले बच्चों के अभिभावक बड़े गर्व से उनका नाम और फोटो डाल रहे हैं। बहुत से मित्रों ने सी बी सी बी एस ई बोर्ड परीक्षा में अपने पुत्र-पुत्रियों को मिले गौरवशाली अंक साझा किए हैं-भला अपनी संतान की उल्लेखनीय सफलता पर किस माता-पिता को गर्व नहीं होगा? उनकी छाती चौड़ी नहीं होगी? ऐसे सभी सफल बच्चों और उनके माता-पिता को बहुत बहुत बधाई।

लेकिन उनका क्या जिन बच्चों ने 54% स्कोर किया उनके अभिभावकों के पास गर्व करने के लिए कुछ नहीं है क्या? ऐसे छात्र और छात्राएँ जो इस परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला सके-अपने माता-पिता की आशाओं और आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतर सके-वे निश्चित ही निराश और हताश होंगे -हो सकता है उन्हें तरह तरह के तानों का भी सामना करना पड़ रहा हो - मेरी यह पोस्ट ऐसे ही छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के लिए है-


1987 की बात है। Italy में रोम नगर में athletics की world championships हो रही थीं।

1500 मी की दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व कश्मीरा सिंह कर रहे थे।

1500 मीटर की दौड़ में ट्रैक के कुल पौने चार चक्कर लगाने होते हैं। यानी पहले राउंड में कुल 300 मीटर और बाकी 3 राउंड में कुल 1200 मी।

दौड़ शुरू हुई कश्मीरा सिंह ने दौड़ शुरू होते ही बढ़त बना ली। ट्रैक पर लगभग 40 से ज़्यादा धावक दौड़ रहे थे। पर कश्मीरा सिंह सबसे आगे थे। कमेंटेटर ने बताया india का athlete सबसे आगे चल रहा है।

3 round तक कश्मीरा सिंह सबसे आगे चले। पर कमेंटेटर उनकी इस दौड़ से कतई इम्प्रेस नहीं था। वो पीछे चल रहे किन्ही दो अन्य धावकों पर निगाह रखे थे।

बहरहाल चौथा और आखिरी राउंड शुरू हुआ। एक धावक बढ़ के कश्मीरा सिंह से आगे आ गया। और उसके बाद कश्मीरा सिंह उस भीड़ में खो गए और फिर कभी नहीं दिखे। बाद में जब हम लोगों ने record book देखी तो पता चला की शायद कश्मीरा सिंह 40 में से 38 वे स्थान पे रहे।

जिन्दगी की दौड़ में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पहले राउंड में आगे हैं कि नहीं। फर्क इस बात से पड़ता है कि finishing लाइन पे सबसे पहले कौन पहुंचा। उस दौड़ में सोमालिया के Abdi Bile फिनिशिंग लाइन पे सबसे पहले पहुंचे और उन्होंने Gold medal जीता।

इतिहास में नाम Abdi Bile का दर्ज है न कि कश्मीरा सिंह का।

मित्रों, अभी तो जिन्दगी की marathon दौड़ का बमुश्किल पहला राउंड पूरा हुआ है। फिनिशिंग लाइन पे न जाने कौन पहुंचेगा सबसे पहले। शुरू में बहुत तेज दौडऩे वाले जरूरी नहीं की इसी दमखम से लगे रहे।

सबसे आगे वो आएगा जो धैर्यपूर्वक लगा रहेगा। जो बिना हार माने दौड़ता रहेगा । वो जिसकी निगाह लक्ष्य पे रहेगी।

जीतना जरूरी भी नहीं । मजा दौड़ पूरी करने में भी है।
जिन्दगी की दौड़ में अक्सर 54त्न भी जीतते हैं।

याद रखना chinese bamboo सबसे देरी से उगता है पर उगते ही 7 हफ्ते में 40 फुट का हो जाता है।

इसलिये दौड़ते रहो, रुकना मत,

और एक अंतिम विनती कि आप अपने बच्चो की तुलना किसी और से न करे क्योंकि हर एक बच्चा आदित्य है, अद्भुत है एवं विशेष है।

‘हर कदम शिक्षा की ओर’

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news