राष्ट्रीय

अनुच्छेद 370 को हटाने की जरूरत नहीं थी, कश्मीर में 99 प्रतिशत कानून पहले से ही लागू थे: सिब्बल
21-May-2024 12:42 PM
अनुच्छेद 370 को हटाने की जरूरत नहीं थी, कश्मीर में 99 प्रतिशत कानून पहले से ही लागू थे: सिब्बल

नयी दिल्ली, 20 मई राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना एक ‘‘राजनीतिक निर्णय’’ था और इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि भारत के 99 प्रतिशत कानून पहले से ही कश्मीर में लागू थे।

सिब्बल ने ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के विजयी रहने की संभावना का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि यदि चार जून के परिणाम अलग नहीं हुए तो कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि कश्मीर अब भारत एवं पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है बल्कि यह हमारी सरकार और कश्मीर के लोगों के बीच का मुद्दा बन गया है।

सिब्बल ने ए एस दुलत, असद दुर्रानी और नील के. अग्रवाल की पुस्तक ‘कवर्ट: द साइकोलॉजी ऑफ वॉर एंड पीस’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा कि पांच अगस्त, 2019 के बाद जब संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था, फैसला तभी हो गया था।

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले विवादास्पद प्रावधान को खत्म किए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दलीलें पेश करने वाले जाने माने वकील सिब्बल ने कहा, ‘‘दरअसल आपको संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने की जरूरत नहीं थी और इसका सरल सा कारण है कि भारत के 99 फीसदी कानून कश्मीर में पहले से ही लागू थे।’’

निर्दलीय राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने कहा, ‘‘उन्होंने (सरकार ने) जिस कारण से अनुच्छेद 370 को हटाया, उसका कानूनों से कोई लेना-देना नहीं था, इसका राजनीतिक निर्णय से संबंध है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप (सरकार) देश के लोगों को बताना चाहते हैं कि ‘देखो, हमने ऐसा कर दिया’।’’

सिब्बल ने लेखकों से कहा कि कश्मीर के मानसपटल पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है, अगली किताब में इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

सिब्बल ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि हमारे गृह मंत्री (अमित शाह) ने कहा था कि ‘जब सब कुछ स्थिर हो जाएगा तो हम जल्द ही कश्मीर में चुनाव कराएंगे।’ उन्होंने 2019 में संसद में यह कहा था। अब 2024 है और वे विधानसभा चुनावों के बारे में बिल्कुल भी बात नहीं करते।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को संसदीय चुनाव कराने होते हैं क्योंकि संविधान उन्हें ऐसा करने का आदेश देता है।

सिब्बल ने कहा, ‘‘लेकिन सच्चाई यह है कि वे केंद्रशासित प्रदेश हैं और यदि आप राज्य का दर्जा वापस लाना चाहते हैं तो उन्हें चुनाव कराना होगा और चुनाव का नतीजा क्या होगा, यह हम नहीं जानते।’’

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को नहीं पता कि जब लोग आएंगे और वोट देंगे तो नतीजा क्या होगा।

सिब्बल ने कहा, ‘‘परिणाम कोई नहीं जानता। कोई भी यह जोखिम नहीं उठाना चाहता। इसलिए मुझे लगता है कि वे चुनाव नहीं कराएंगे। स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। चुनाव केवल तभी होंगे, जब चार जून को परिणाम अलग होंगे।’’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस मौके पर कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक ‘‘फुटबॉल’’ की तरह रहा है।

अब्दुल्ला ने हाल में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र तरीका बातचीत हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘यह याद रखना चाहिए कि उसने (पाकिस्तान ने) चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं, उनके पास परमाणु बम भी है। अफसोस की बात यह है कि परमाणु बम हम पर गिरेगा।’’

अब्दुल्ला ने इस बयान के बारे में कहा कि उनकी टिप्पणी को ‘‘राजनीतिक रूप से तोड़-मरोड़’’ कर पेश किया गया था।

उन्होंने सरकार पर समाज में विभाजन पैदा करने का भी आरोप लगाया और कहा, ‘‘एक मुसलमान के रूप में मुझे इस बात का दुख होता है कि यह वह भारत नहीं है जिसका मैंने सपना देखा था।’’

दुलत 1999 से 2000 तक ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ के पूर्व सचिव रहे थे। असद दुर्रानी पाकिस्तान सेना की सैन्य खुफिया इकाई के पूर्व महानिदेशक हैं और अग्रवाल एक मनोचिकित्सक हैं।  (भाषा)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news