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एग्जिट पोल्स में बीजेपी की बड़ी जीत के अनुमान पर विदेशी मीडिया में कैसी चर्चा
03-Jun-2024 1:05 PM
एग्जिट पोल्स में बीजेपी की बड़ी जीत के अनुमान पर विदेशी मीडिया में कैसी चर्चा

लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आने में कुछ घंटों का समय बचा है लेकिन एक जून को अंतिम चरण के मतदान खत्म होने के बाद से एग्जिट पोल्स को लेकर चर्चाएं बनी हुई हैं।

इस लोकसभा चुनाव को लेकर जितने भी एग्जि़ट पोल्स आए हैं, उनमें सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए को बड़ी जीत मिलने का अनुमान है।

शनिवार की शाम को एग्जिट पोल्स आने के बाद से इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

एक तरफ जहां बीजेपी के नेता अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं, वहीं कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि एग्जिट पोल्स जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं।

इन राजनीतिक बयानबाजियों के बीच पूरी दुनिया की नजरें भी भारत के लोकसभा चुनावों के परिणाम पर लगी हुई हैं। कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने एग्जिट पोल्स की खबरों और उसके विश्लेषण को अपने प्लेटफॉम्र्स पर जगह दी है।

बाजार में उछाल

अमेरिकी मीडिया कंपनी ब्लूमबर्ग ने एग्जिट पोल्स से जुड़ी खबर को प्रकाशित करते हुए शीर्षक दिया है- ‘मोदी चुनावों में भारी जीत के लिए तैयार,’

खबर में लिखा गया है, ‘कई एग्जिट पोल्स दिखाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी लगातार तीसरी बार भारत के चुनाव में निर्णायक बहुमत हासिल करने के लिए तैयार है।

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की सत्ता के शीर्ष पर वो एक दशक से भी लंबे कार्यकाल का विस्तार करेंगे।’

‘पोल्स दिखाते हैं कि उनकी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) काफ़ी हद तक बहुमत के लिए 272 सीटों से अधिक का आँकड़ा पा लेगी। आधिकारिक चुनावी परिणाम चार जून को जारी होंगे।’

ब्लूमबर्ग की ख़बर में आगे लिखा है, ‘एग्जिट पोल्स के आधार पर मोदी ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत का दावा किया है और कहा है कि खासकर गऱीबों समेत मतदाताओं को सत्तारूढ़ पार्टी के ट्रैक रिकॉर्ड ने प्रभावित किया है।’

इसमें बताया गया है कि ये परिणाम भारत के वित्तीय बाज़ार को प्रोत्साहित कर सकते हैं जो कि बीते सप्ताह में अधिक उतार-चढ़ाव भरा रहा है।

ब्लूमबर्ग से जियोजिट फ़ाइनैंशियल सर्विसेज़ के मुख्य निवेशक रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने अनुमान लगाया है कि सोमवार को बाज़ार में उछाल आएगा और यह उछाल आया भी।

उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल्स उन चुनावी आशंकाओं को खारिज कर देगा जो मई से बढ़ रही थीं।

अल-जजीरा ने क्या कहा है?

कतर के मीडिया समूह अल-जजीरा ने भी एग्जिट पोल्स को अपने प्लेटफॉर्म पर जगह दी है। अल-जजीरा ने ‘मोदी मैजिक: भारतीय एग्जिट पोल्स ने बीजेपी के रिकॉर्ड जीत का अनुमान लगाया।’

इस खबर में लिखा गया है, ‘शनिवार की शाम जारी हुए एग्जिट पोल्स दिखाते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए भारी बहुमत से दोबारा चुने जा सकते हैं। अगर मंगलवार 4 जून को आने वाले परिणाम पोल्स का समर्थन करते हैं तो मोदी की भारतीय जनता पार्टी बढ़ती असमानता, उच्च स्तर की रिकॉर्ड बेरोजग़ारी और बढ़ती कीमतों के मुद्दों से न केवल सुरक्षित बच निकलेगी बल्कि 2019 के पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करेगी।’

‘स्वतंत्र भारत में कोई भी प्रधानमंत्री कभी भी लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव हर बार बेहतर परिणाम से नहीं जीत सका है। भारतीय मीडिया संगठनों के कम से कम सात एग्जिट पोल्स ने बीजेपी और उसके गठबंधन के 543 सीटों वाली लोकसभा में 350-380 सीटों की जीत का अनुमान लगाया है।’

‘भारत में एग्जि़ट पोल्स के अलग-अलग रिकॉर्ड रहे हैं और बीते सर्वे में ये अलग-अलग पार्टियों को कभी कम और कभी अधिक आंकते रहे हैं। हालांकि, बीते दो दशकों में कुछ अपवादों को छोडक़र बड़े पैमाने पर इनके अनुमान लगभग सही रहे हैं।’

दिल्ली स्थित सेंटर फ़ॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर फेलो नीलांजन सरकार अल-जजीरा से कहते हैं, ‘मोदी असाधारण रूप से लोकप्रिय हैं। बीजेपी का यह चुनावी कैंपेन पूरी तरह से मोदी पर केंद्रित था। इस दौरान कई अनुमान लगाए गए जो बताते थे कि लोग सरकार से नाख़ुश हैं लेकिन इनको सीटों में बदलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है।’

दक्षिण भारत में बीजेपी की जीत का भी अनुमान

अल-जजीरा की खबर में लिखा गया है, ‘कई एग्जि़ट पोल्स में अनुमान लगाया गया है कि बीजेपी देश के दक्षिण राज्यों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। बीजेपी के केरल में दो से तीन सीटों की जीत का अनुमान लगाया गया है जो कि भारत में वामपंथ का आखिरी गढ़ है और जहां पर मोदी की पार्टी आज तक नहीं जीत दर्ज कर पाई है। बीजेपी तमिलनाडु में भी एक से तीन सीटें जीत सकती है, जहां बीते चुनावों में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी।’

राजनीतिक टिप्पणीकार आसिम अली अल-जज़ीरा से कहते हैं, ‘दक्षिण में मिलती दिख रही बढ़त चौंकाने वाली है। और अनुमान बहुत बड़ी बढ़त दिखा रहे हैं। अगर बीजेपी कोई सीटें नहीं भी जीतती है तो भी अगर उनके वोट शेयर में बढ़त होती है तो ये बड़ा बदलाव होगा।’

ब्लूमबर्ग ने एग्जि़ट पोल्स पर एक और लेख भी प्रकाशित किया है, जिसका शीर्षक है-‘भारत का एग्जि़ट पोल्स संकेत से अधिक शोर हो सकता है।’

इस लेख में बताया गया है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के आम चुनाव में एक जबरदस्त जीत के लिए तैयार हैं, ये दावा तकरीबन हर एग्जिट पोल में किया गया है। हालांकि, अतीत में ये दावे पूरी तरह से गलत साबित हुए हैं और इस बार इनको बेहद सावधानी से देखा जाना चाहिए क्योंकि मोदी सरकार का टीवी स्टेशनों पर बहुत अधिक प्रभाव है।’

‘मंगलवार को शायद वास्तविक संख्या में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए सीटें मिल जाएं लेकिन एनडीए को 350 से अधिक सीटों जैसे इतने बड़े जनादेश का अनुमान हर एग्जि़ट पोल में लगाना सुनने में अवास्तविक लगता है।’

‘350 सीटों से पार जाना एनडीए के 2019 के परिणाम को दोहराव होगा। उस समय मोदी ने पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर एयरस्ट्राइक को मुद्दा बनाया था। इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा कोई चुनावी मुद्दा नहीं था। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने एक आक्रामक चुनावी अभियान चलाया, जिसमें उसने बढ़ती बेरोजग़ारी, महंगाई को मुद्दा बनाया। वहीं मोदी ने खुद को ऐसी चिंताओं से ऊपर उठाने का विकल्प चुना।’

‘उन्होंने (पीएम मोदी) उद्योगपति मुकेश अंबानी के टीवी चैनल से कहा, ‘मैं मान चुका हूं कि भगवान ने मुझे भेजा है।’ उद्योगपति गौतम अदानी के नियंत्रण वाले मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में मोदी ने 1000 साल के नज़रिए पर बात की।’

‘मीडिया की समर्थक वाली भूमिका ऐसी पहली बार नहीं है। साल 2004 में एग्जि़ट पोल्स ग़लत साबित हुए थे। इसमें एनडीए गठबंधन को ताज़ा चुनाव में 240 से 275 सीटें दी गई थीं लेकिन उसको 187 सीटें मिलीं और वो सरकार से बाहर हो गई। इस साल का सर्वे अत्यंत असामान्य इसलिए भी दिखता है क्योंकि कम से कम तीन पोल्स ने एनडीए के 400 सीटों के नारे को ही अनुमानित परिणाम बताया है।’

एग्जिट पोल्स को लेकर संदेह

चुनाव के बाद एग्जि़ट पोल्स हमेशा एकदम सटीक साबित हों ये भी तय नहीं है। अमेरिकी अखबार ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ ने साल 2014 में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद एक लेख प्रकाशित किया था जिसका शीर्षक था- ‘भारतीय एग्जि़ट पोल्स क्यों भरोसेमंद नहीं हैं?’

इस लेख में बताया गया है कि ‘भारत में एग्जि़ट पोल्स को लेकर अविश्वास और संदेह रहा है।’

राजनीतिक विश्लेषक प्रवीण राय ने अखबार से कहा था कि 1998 और 1999 चुनाव के अनुमान बिल्कुल सटीक थे जबकि 2004 और 2009 के अनुमान बिलकुल उलट थे।

इस लेख में बताया गया है, ‘एक व्यापक मत और शायद तर्कसंगत भी है कि भारत में राजनीतिक सर्वे पक्षपातपूर्ण हैं। भारतीय मीडिया कंपनियां अधिकतर पोल्स करती हैं, जिनमें से अधिकतर का पूर्वाग्रह होता है।’

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एग्जिट पोल्स में किसने किसको

कितनी सीटें दीं?

एबीपी-सीवोटर के अनुमानों में एनडीए 353-383 सीटों पर चुनाव जीत सकती है, वहीं इंडिया गठबंधन 152-182 सीटों पर और अन्य पार्टियों को 4-12 सीटें मिल सकती हैं।

न्यूज 24-टूडेज चाणक्य ने एनडीए के 400 से अधिक सीटें हासिल करने का अनुमान लगाया है। चाणक्य के एग्जि़ट पोल में कहा गया है कि बीजेपी को 335 से अधिक सीटें मिल सकती हैं वहीं कांग्रेस को 50 से अधिक और इंडिया गठबंधन को 107 से अधिक सीटें मिल सकती हैं।

इंडिया टीवी के एग्जि़ट पोल में एनडीए को 371-401 और कांग्रेस को 109-139 सीटें मिल सकती हैं। वहीं अन्य पार्टियों को 28-38 सीटें मिल सकती हैं।

रिपब्लिक टीवी-पीएमएआरक्यू मैट्रिज के एग्जि़ट पोल में एनडीए को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है। एनडीए को 359 सीटों पर और इंडिया गठबंधन को 154 सीटों जीत मिलने का आकलन लगाया गया है। वहीं 30 सीटें अन्य पार्टियों को मिल सकती हैं।

जन की बात के एग्जि़ट पोल के आंकड़ों के अनुसार एनडीए के खाते में 377 सीटें जा सकती हैं। वहीं इंडिया गठबंधन को 151 सीटों पर और अन्य पार्टियों को 15 सीटों पर जीत सकती है।

इंडिया न्यूज़-डी-डायनामिक्स के एग्जि़ट पोल के अनुसार एनडीए को 371 और इंडिया गठबंधन को 125 सीटें मिलने का आकलन किया गया है। इसके अनुसार अन्य पार्टियों को 47 सीटें मिल सकती हैं। (bbc.com/hindi)

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