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रायपुर पुलिस का एक दिवसीय सेमीनार
रायपुर, 12 जून। यातायात मुख्यालय के सभागार में तीन नए कानून पर रायपुर पुलिस के 65 विवेचकों, जिला अभियोजन अधिकारियों का सयुंक्त रूप से एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया।इसमें नागरिक सुरक्षा संहिता , न्याय संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में रविवि विधि विभाग के सहायक प्रध्यापक एवं विधि विशेषज्ञ श्रीमती प्रिया राव ने वक्तव्य दिया। एएसपी श्रीमती ममता देवांगन, डीएसपी सुश्री ललिता मेहर भी उपस्थित रहीं।
डॉ राव ने बताया कि वर्तमान के नवीन कानून में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को विशेष महत्व की श्रेणी में मानते हुये इसके लिये पृथक से अध्याय रखा गया है ! पूर्व के कानून में अपराधियों की जेल जाने का प्रावधान था, किन्तु वर्तमान के नवीन न्याय संहिता में अपराधियों से सामुदायिक सेवा कराये जाने के संबंध में नवीन प्रावधान जोड़े गये है, पूर्व में जो राजद्रोह कहलाता था, उसका नाम संशोधित कर देशद्रोह रखा गया है एवं लोगों के वाणी के स्वतंत्रता के अधिकार में वृद्धि की गयी है। अब देश के विरूद्ध अपराधिक कृत्य किये जाने पर ही देशद्रोह का अपराध माना जायेगा। सात वर्ष एवं उससे अधिक सजा संबधी अपराधों में अपराध पंजीबद्ध होने पर पुलिस विवेचना के दौरान अब अनिवार्य रूप से घटना स्थल, गवाही के कथन की विडियोग्राफी एवं एफएसएल निरीक्षण एवं रिपोर्ट प्संलग्न किया जाना अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने बताया कि वैवाहिक जीवन पश्चात् पत्नि द्वारा पति के विरुद्ध रेप का अपराध अब पत्नि के नाबालिक 18 वर्ष से कम होने के स्थिति में ही माना जावेगा। उपरोक्त नवीन कानूनों में न केवल पुलिस बल्कि न्यायालय कार्य के समय सीमा निर्धारित की गयी है, जिससे पूर्व में न्यायालयों के निराकरण में होने वाले अत्यधिक विलंब समाप्त हो सकेगी। विधि विशेषज्ञ श्रीमती प्रिया राव ने बताया कि वर्ततमान नवीन कानून में सबसे पहले स्थान महिलाओं एवं बच्चों के साथ हुये अत्याचार को दिया गया है ।