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बांग्लादेश में एक ही आईएमईआई नंबर के डेढ़ लाख फोन, आख़िर ये फर्जीवाड़ा क्या है?
16-Jun-2024 3:44 PM
बांग्लादेश में एक ही आईएमईआई नंबर के डेढ़ लाख फोन, आख़िर ये फर्जीवाड़ा क्या है?

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मोबाइल टेक्नोलॉजी का बुनियादी ज्ञान रखने वाला हर कोई जानता है कि हर मोबाइल फोन का एक खास नंबर होता है जिसे आईएमईआई(IMEI) नंबर कहा जाता है.

फोन गुम हो जाने या चोरी हो जाने पर इस नंबर को खोजा जाता है. इसकी मदद से कई बार पुलिस चोरी करने वाले को पकड़ भी लेती है.

हालांकि हर मोबाइल फोन का यूनिक नंबर अलग होता है, बावजूद इसके इस खास नंबर को क्लोन या उसमें बदलाव किए जाने की बातें हम अक्सर सुनते हैं.

बांग्लादेश के मोबाइल फोन ऑपरेटर रोबी के चीफ कॉरपोरेट और नियामक अधिकारी शाहिद आलम के एक बयान ने सबको चौंका दिया है.

पिछले गुरुवार को उन्होंने राजधानी ढाका में दूरसंचार निदेशालय में एक सेमिनार में दिया.

सेमीनार में उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में एक ही IMEI नंबर के साथ डेढ़ लाख से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो रहा है. ये सभी फोन नकली हैं."

हालांकि कंपनी के पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर एकेएम मुर्शीद ने बीबीसी बांग्ला से कहा कि नकली मोबाइल फोन की संख्या डेढ़ लाख से कम हो सकती है.

उन्होंने कहा, "कुछ साल तक एक ऑपरेटर के नेटवर्क पर आठ लाख मोबाइल फोन एक ही आईएमईआई कोड के साथ काम कर रहे थे."

लेकिन सवाल ये है कि एक ही आइडेंटिटी के इतने ज्यादा फोन एक साथ काम कैसे कर रहे हैं?

आईएमईआई क्या है?

आईएमईआई.इन्फो(MEI.info ) के मुताबिक इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी(आईएमईआई)15 अंकों का एक नंबर होता है. मोबाइल हैंडसेट को बनाते वक़्त ये नंबर प्रोग्राम किया जाता है.

लेकिन कुछ मामलों में ये नंबर 17 अंकों का भी हो सकता है. वास्तव में ये नंबर मोबाइल हैंडसेट की पहचान होता है.

इस नंबर से पता चलता है कि ये हैंडसेट किस फैक्ट्री में बना है और किस इलाके में इस्तेमाल किया जा रहा है.

आईएमईआई नंबर में फोन का एक यूनिक सीरियल नंबर भी होता है. इसके साथ एक नंबर होता है जिससे पूरे नंबर की पहचान हो सकती है.

एकेएम मुर्शीद कहते हैं, "ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन यानी जीएसएम को इस तरह डिजाइन किया जाता है ताकि एक मोबाइल नंबर का एक ही आईएमईआई नंबर हो और उसकी आसानी से पहचान की जा सके."

अगर फोन खो जाए या चोरी हो जाए तो इसे खोजने के लिए आईएमईआई नंबर का सहारा लिया जाता है.

इसके अलावा जब नया फोन खरीदने के समय आप आईएमईआई नंबर से की मदद से यह जान सकते हैं कि मोबाइल फोन को पहले तो इस्तेमाल नहीं किया गया है.

अगर आप अपने फोन पर *#06# डायल करें तो आपको अपने मोबाइल फोन का आईएमईआई नंबर पता चल जाएगा.

आप IMEI.info वेबसाइट पर जाकर नंबर दबा कर चेक बटन दबाएंगे तो अगले पेज पर आपको फोन से जुड़ी जानकारी दिख जाएगी.

IMEI धोखाधड़ी कैसे होती है?

आईएमईआई नंबर बदलने में आमतौर पर एक वैध नंबर की क्लोनिंग की जाती है.

आईटी एक्सपर्ट बीएम मोइनुल कहते हैं कि मोबाइल फोन के मामले में अक्सर दो तरह की क्लोनिंग की जाती है. एक, सिम क्लोनिंग और दूसरी आईएमईआई क्लोनिंग.

ढाका विश्वविद्यालय के सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक ने बीबीसी बांग्ला को बताया कि फोन की पहचान की नकल की जा सकती है. हालांकि आम लोग इसे आसानी से नहीं कर सकते हैं. इसमें कई तकनीकी चरण जुड़े होते हैं.

पिछले कुछ समय के दौरान ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस (डीएमपी) ने कुछ अवैध फैक्ट्रियों पर छापे मारे थे, जहां नकली हैंडसेट बनाए जाते थे.

ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के साइबर एवं विशेष अपराध विभाग के अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद जुनैद आलम सरकार ने बीबीसी बांग्ला को बताया, "अगस्त 2020 में हमें एक नकली फैक्ट्री मिली जहां सैमसंग और नोकिया फोन की नकल कर हैंडसेट बनाए जाते थे."

इसके बाद उन्होंने ऐसे कई और ऑपरेशन चलाने की जानकारी दी.

उन्होंने कहा, "स्थानीय स्तर पर, शायद उन 'कारखानों' में एक या दो कमरे किराए पर लिए गए थे. हैंडसेट के हिस्से विदेशों से खरीदे और असेंबल किए गए थे."

उन्होंने कहा, "आईएमईआई स्पूफिंग बटन या फीचर फोन में अधिक आम है. स्मार्ट फोन में ऐसा कम होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी संख्या में फ़ोन पहचान संख्याओं का मिलान करने के अन्य संभावित तरीके भी हैं."

प्रोफेसर मोइनुल हुसैन कहते हैं, "अज्ञात या गुमनाम ब्रांड्स के हैंडसेट जो अवैध रूप से बाहर से आते हैं, उन्हें इस तरह से बनाया जा सकता है. डिफ़ॉल्ट रूप से एक ही आईएमईआई नंबर का उपयोग किया जाता है."

उन्होंने कहा, "अगर पार्ट्स किसी 'विदेशी' कंपनी से खरीदे गए हैं, तो हो सकता है कि उन्होंने ऐसे सॉफ़्टवेयर या आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए हों."

मुर्शीद ने बताया, "एक बार जब जानकारी स्थायी रूप से रिकॉर्ड हो जाती है तो इसे बदला नहीं जा सकता."

लेकिन अगर इसे कॉन्फ़िगर करने योग्य (परिवर्तनीय) बनाया जाता है, तो इसका मतलब नकली हैंडसेट की मार्केटिंग की जा सकती है."

ऐसा क्यों किया जाता है?
आज के समय में अपराधियों का पता लगाने के लिए मोबाइल फोन ट्रैकिंग का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है.

प्रोफेसर मोइनुल इस्लाम ने कहा कि किसी ऑपरेटर के टावर से जुड़े मोबाइल फोन का आईएमईआई ऑपरेटर कंपनी जान सकती है.

लेकिन अगर एक ही आईएमईआई नंबर के कई हैंडसेट हों तो किसी खास हैंडसेट का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

पुलिस अधिकारी जुनैद आलम ने बीबीसी बांग्ला को बताया, "तब हमारे लिए असली अपराधी की पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है. नतीजतन, हमें फोन ट्रैकिंग के बजाय अन्य रणनीति का सहारा लेना पड़ता है."

उन्होंने कहा, "इस वजह से कुछ अपराधी ऐसे हैंडसेट का इस्तेमाल करते हैं."

हालांकि एकेएम मुर्शीद का कहना है कि बड़े पैमाने पर आईएमईआई धोखाधड़ी के पीछे का कारण आर्थिक है.

जीएसएम एसोसिएशन को प्रत्येक IMEI के लिए रॉयल्टी का भुगतान करना पड़ता है.

वे कहते हैं, "उस रॉयल्टी से बचने के लिए, एक देश में निर्माता एक IMEI नंबर के साथ लाखों हैंडसेट का उत्पादन करते हैं,"

क्या है हल?
अगर आईएमईआई डेटाबेस से उसी मूल फोन के आईएमईआई नंबर के साथ क्लोन किया जाता है तो हैंडसेट की जानकारी डेटाबेस में उपलब्ध होगी.

ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीएम मोइनुल हुसैन कहते हैं, "नतीजतन आम यूजर के पास इसे समझने का कोई तरीका नहीं होगा."

इन्हें रोकने के लिए वह दो तरह के उपाय बताते हैं. पहला, कानूनी कार्रवाई और दूसरा, तकनीकी कदम.

उनका मानना ​​है कि जब फोन यूजर के हाथ में पहुंच जाए तो तकनीकी उपाय खास काम नहीं आते. इसलिए वो कानूनी कार्रवाई पर जोर देते हैं.

उन्होंने कहा कि यह पता लगाना संभव है कि डेढ़ लाख आईएमईआई नंबर क्लोन करने के पीछे कौन है.

डीएमपी के साइबर क्राइम डिवीजन के एडीसी जुनैद आलम सरकार कहते हैं, "चोर चोरी का फोन बेचने से पहले आईएमईआई डिलीट कर देते हैं."

आईएमईआई को हटाना या बदलना कानूनन अपराध है. (bbc.com/hindi)

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