अंतरराष्ट्रीय
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने छह सदस्यों वाली वॉर कैबिनेट को भंग कर दिया है.
इसराइल सरकार के प्रवक्ता डेविड का कहना है कि नेतन्याहू ने रविवार को ही वॉर कैबिनेट को भंग करने का फैसला ले लिया था.
नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट में नए सदस्यों को जगह देने की बजाए वॉर कैबिनेट को भंग करने का विकल्प चुना.
डेविड ने कहा, "वॉर कैबिनेट बेनी गैंट्ज़ के साथ समझौते के तहत बनाई गई थी. बेनी गैंट्ज़ सरकार का साथ छोड़ चुके हैं और इसराइल की सरकार को अतिरिक्त ब्रॉन्च की जरूरत नहीं है."
उन्होंने कहा, "सिक्योरिटी कैबिनेट को सरकार की ओर से फैसले लेने की अनुमति मिली हुई थी."
बेनी गैंट्ज़ और गादी इसेनकोट ने करीब हफ्ताभर पहले वॉर कैबिनेट से खुद को अलग कर लिया था. ये दोनों वॉर कैबिनेट के अहम सदस्य रहे हैं.
कैबिनेट में धुर दक्षिणपंथी सहयोगी ऐसी मांगें रख रहे थे जिनसे नेतन्याहू की मुश्किलें लगातार बढ़ रही थीं. इतना ही नहीं उन मांगों की वजह से अमेरिका समेत बाकी अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से भी इसराइल के रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते थे.
इसराइली सेना का कहना है कि इस फैसले की वजह से उनके अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
बेनी गैंट्ज़ और गादी इसेनकोट ने यह आरोप लगाते हुए वॉर कैबिनेट से इस्तीफा दिया कि ग़ज़ा में तनाव खत्म होने की स्थिति में नेतन्याहू के पास कोई प्लान नहीं है.
सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट का गठन किया था. वॉर कैबिनेट में दो पूर्व सेना अध्यक्ष भी सदस्य बने थे.
सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इसराइल की सेना में घुसकर हमला किया और इस हमले में 1200 लोगों की मौत हुई.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सात अक्टूबर के बाद से इसराइल के हमलों से 37 हज़ार से ज्यादा फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है. (bbc.com/hindi)