विचार / लेख

मशहूर अंग्रेजी उपन्यासकार विक्रम सेठ ने हनुमान चालीसा का अंग्रेजी अनुवाद क्यों किया
21-Jun-2024 9:08 PM
मशहूर अंग्रेजी उपन्यासकार विक्रम सेठ ने हनुमान चालीसा का अंग्रेजी अनुवाद क्यों किया

अपने खुले विचारों के लिए जाने जाने वाले मशहूर लेखक उपन्यासकार विक्रम सेठ एक बार फिर चर्चा में हैं।

बेस्ट सेलर अंग्रेजी उपन्यास ‘अ सूटेबल बॉय’ लिखने वाले विक्रम सेठ ने हनुमान चालीसा का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया है।

अनुवाद के लिए हनुमान चालीसा को चुनने और उसे इस समय प्रकाशित करने को लेकर उन्होंने कुछ दिलचस्प वाकया साझा किया है।

‘द हनुमान चालीसा’ के लॉन्च से पहले बीबीसी संवाददाता संजय मजूमदार से उन्होंने बात की।

उन्होंने अनुवाद की पृष्ठभू्मि, इसके संदेश, मौजूदा राजनीतिक हालात आदि पर भी बात की। हालिया लोकसभा के चुनावी नतीजों पर कहा कि ‘तानाशाही में कमी आई है।’

अंग्रेज़ी अनुवाद की प्रेरणा
हनुमान चालीसा का अंग्रेज़ी अनुवाद करने की प्रेरणा के बारे में विक्रम सेठ कहते हैं, ‘बचपन से ही मुझे हनुमान चालीसा से बड़ा लगाव है और मैंने एक वक़्त अपनी ख़ुशी के लिए इसका तर्जुमा किया था और दस साल पहले इसकी शुरुआत की थी।’

इसे प्रकाशित करने का विचार आने के बारे वो कहते हैं, ‘अभी इसे प्रकाशित करने का विचार तब आया जब 90 साल की मेरी विधवा मामी ने मुझसे कहा कि ये तुमने अपने लिए किया है, दूसरों को भी दिखाओ। मैंने कहा, मेरा अनुवाद तुलसीदास की तुलना में कुछ नहीं है। तो उन्होंने कहा कि यह एक तरह से खिडक़ी तो है, कि जो लोग हिंदी नहीं समझ सकते या इस कविता से परिचित नहीं हैं, उन्हें तो कम से कम इस कविता के बारे में पता होना चाहिए।’

‘हो सकता है कि वो इससे प्रेरित होकर मूल कृति की ओर जाएं। और ऐसा न भी हो तो इससे कुछ तो लुत्फ़ मिलेगा।’

यह अवधी में लिखी गई है, तो भाषा के सवाल पर विक्रम सेठ कहते हैं, ‘हिंदी तो हम खड़ी बोली में बोलते हैं, लेकिन ब्रज भाषा या अवधी, ये भी तो महान साहित्यिक भाषाएं हैं। हमारा ज़्यादातर साहित्य इन भाषाओं में लिखा गया है। हां, अब आधुनिक युग में हम अक्सर खड़ी बोली में लिखते हैं। लेकिन जो लोग हनुमान चालीसा को याद करते हैं या जपते हैं, वो अवधी में ही ऐसा करते हैं।’

कोई राजनीतिक संदेश?
क्या इसमें कोई राजनीतिक संदेश भी है? इस सवाल पर विक्रम सेठ कहते हैं, ‘कुछ खास नहीं लेकिन ये है कि हनुमान जी इतने घमंडी नहीं थे, जैसे कि हमारे आजकल के सियासतदान हैं। आजकल सब अपनी पेट सेवा में हैं लेकिन हनुमान लड़ते तो थे पर अपने लिए नहीं बल्कि दूसरे के लिए लड़ते थे।’

हालांकि विक्रम सेठ ख़ुद को दुरुस्त करते हुए कहते हैं, ‘सच कहा जाए तो इसमें कोई राजनीतिक संदेश है ही नहीं। हालांकि मैं चाहता था कि चुनाव से पहले हनुमान जयंती के मौक़े पर प्रकाशित हो लेकिन फिर सोचा कि यह चुनाव के झमेले में पड़ जाएगा, तो इससे बचना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘फिर मैंने सोचा कि जून में अपने जन्मदिन के मौके पर इसे प्रकाशित करूंगा। यानी मैं राजनीति से बचना चाहता था।’

चुनाव और नतीजों को लेकर पूछने पर उन्होंने कहा, ‘कह सकते हैं कि तानाशाही पर कुछ लगाम तो लग गई। अब देखा जाएगा आगे क्या होता है। भारत महान देश है। लेकिन जो जहर हमारी नसों में बहना शुरू हो गया है, उसे निकलने में टाइम लगेगा। आप जर्मनी के बारे में सोचिए। जर्मनी में यहूदियों के खिलाफ इतनी नफरत थी। अब वहां ऐसा कुछ नहीं है। जो अपने देशवासी के खिलाफ नफरत पैदा करते हैं, वो देशभक्त नहीं हो सकते।’

क्यों चर्चा में रहे हैं विक्रम सेठ
विक्रम सेठ का सबसे चर्चित उपन्यास 'ए सूटेबल ब्वॉय’ 1993 में प्रकाशित हुआ था।

बाद में इस उपन्यास का बीबीसी टेलीविजन रूपांतरण प्रसिद्ध निर्देशक मीरा नायर ने किया था।

ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल करने वाले विक्रम सेठ को एक बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने ‘विनम्र व्यंग्य’ करने वाला व्यक्ति कहा था।

अपने लेखन से साहित्य की दुनिया में पहचान बनाने वाले विक्रम सेठ की मां लीला सेठ भारत में हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला थीं।

विक्रम सेठ अपने विचारों को मुखरता से व्यक्त करने के लिए भी जाने जाते रहे हैं। वो भारत में समलैंगिक अधिकारों के समर्थक रहे हैं।

साल 2013 में इंडिया टुडे मैग्जीन के कवर पेज पर उनकी एक तस्वीर प्रकाशित हुई थी जिसमें वो एक तख़्ती लिए अस्त व्यस्त खड़े हैं। तख्ती पर लिखा था- नॉट ए क्रिमिनल।
असल में उस समय एलजीबीटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए विक्रम सेठ ने यह अनूठा तरीका अपनाया था।

वह समलैंगिक संबंधों पर रोक लगाने वाले कानून को बरकरार रखने के लिए देश की सुप्रीम कोर्ट से खफा थे।

तब उन्होंने बीबीसी को इस तस्वीर के खींचे जाने और फिर प्रकाशित होने के पीछे कहानी के बारे में बताया था।
 (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news