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वन विभाग के दैवेभो कर्मियों को 4 माह से वेतन नहीं, घेरा वन, मंत्री का निवास
09-Jul-2024 10:02 PM
वन विभाग के दैवेभो कर्मियों को 4 माह से वेतन नहीं, घेरा वन, मंत्री का निवास

रायपुर, 9 जुलाई। वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विगत 04-05 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा। उपर से जो 4,000 रूपया श्रम सम्मान मिलना चाहिए था उसको भी भुगतान नहीं कर रहे है। जबकी वित्त विभाग ने बजट आबंटन कर दिया हैं। 

4,000 रूपया श्रम सम्मान राशि में भी सेंध लगाया जा रहा है जिन जाबदर कर्मचारियों को भुगतान नही किया जाना है उन लोगों को भी उनके वेतन में बढ़ोतरी कर दिया गया है किसी केग डिग्री का परिक्षण भी नही किया गया है उसके बाद भी मनमानी तरिका से 21255 रूपया का वेतन भुगतान कर रहे है जबकी वन मंत्री ने संगठन को आश्वस्त कराया था कि किसी भी जाबदर डाटा एन्ट्री आपरेटर का 4,000 रूपया बढ़ोतरी नही होगा। अगर होगा तो पुरे छत्तीसगढ़ में कार्य करने वाले डाटा एन्ट्री आपरेटर, कम्प्युटर आपरेटर का होगा। लेकिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने एकाएक से वेतन बढ़ोतरी कर दिया, वही छ. ग. दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को वन मंत्री ने जगदलपुर में आश्वासन दिया है कि वन रक्षक, वाहन चालक के सीधी भर्ती पर रोक लगाने के लिये मैं पीसीसीएफ को बोल दिया निश्चित रहिये कहा गया उस समय जगदलपुर मुख्य वन संरक्षक दुग्गा, वन मंडलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता व कलेक्टर बस्तर मौजुद रहे! 

उसके बाद भी प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा भर्ती में रोक लगाने संबंधी कोई पत्र जारी नही किया गया और कहा गया कि जब तक वन मंत्री व मुख्य मंत्री लिखकर नही देंगें मैं कुछ नही कर सकता जिससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में गुस्सा फुटने लगा और वन मंत्री निवास का घेराव कर दिया,  घेराव चार बिन्दुओं को लेकर किया गया था जिसमें सबसे पहले वन रक्षक के 1484 व वाहन चालक के 144 पदों के सीधी भर्ती पर तत्काल रोक लगायें! वहीं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 04-05 माह से वेतन भुगतान नही किया गया है जिसे तत्काल भुगतान किया जावें! तिसरा दैनिक वेतन भोगी को 4,000 रूपया श्रम सम्मान भुगतान प्रतिमाह किया जाना है जिसके लिये वित्त विभाग नें बजट आबंटन कर दिया है लेकिन उसका भुगतान नही किया जा रहा है, और 4,000 रूपया जाबदर वालों को भुगतान कर दिया गया है जिसका विरोध किया गया और श्रमायुक्त दर वालों को भुगतान करने का मांग किया! 
दिनांक 31.12.2017 के पश्चात जितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व श्रमिकों को प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय, अधिकारियों के बंगला, मुख्य वन संरक्षक कार्यालय, वन मंडल कार्यालय, रेंज कार्यालय में रखा गया है उन्हे पृथक कर 10-15 वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी लोगों को सुरक्षित किया जावें का मांग किया गया हैं । 

आये दिन मंत्री के बहाना से, लोगों को कार्य पर रखते जा रहे है और वरिष्ठ लोग वेतन के लिये मोहताज हो रहे है जिसके कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में आक्रोश था और वन मंत्री बंगला का घेराव कर दिया, वन मंत्री के काफिला को रोक दिया गया!उस समय तत्काल रायपुर मुख्य वन संरक्षक , वन मंडलाधिकारी रायपुर, एसडीओ, रेंजर उपस्थित होकर एक माह के भीतर सबको वेतन भुगतान कर दिया जायेगा का आश्वासन दिया व दिनांक 31.12.2017 के पश्चात रखे गये दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कार्य से पृथक करने का आश्वासन दिया है और वरिष्ठ लोगों को पुन: कार्य में वापस रखने की बात कही है देखना ये होगा कि मुख्य वन संरक्षक अपने बातों में कितना खरा उतरते हैं। 

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अगाह कर दिया है कि अगर सीधी भर्ती पर वन मंत्री रोक नही लगाते है, लंबित वेतन भुगतान नही करते है, नियमितीकरण नही करते है तो कर्मचारी उग्र आंदोलन करेंगें संगठन के सभी मंत्रियों ने हमीरे मंच में आकर आश्वासन दिये थे कि नियमितीकरण होगा करके रहेंगें, और आज वहीं मंत्री लोग घुमा रहे है मुख्य मंत्री से मिलिये वही नियमितीकरण के लिये हरी झंडी देंगें तो हम करने के लिये तैयार है कहते है, और उधर मुख्य मंत्री जी पूर्ववर्तिय कांग्रेस सरकार की तरह समिति समिति का खेल खेल रहे हैं। छ: माह बित जाने के बाद भी समिति का अता पता नही है, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मन में अब येसा विचार आने लगा है कि कांग्रेस सरकार की तरह ये सरकार भी मोदी की गारंटी कह कर समिति समिति कहकर पाँच साल बिताने वाला है नियमितीकरण करेगा या नही यह संशय बना हुआ हैं, जिसके कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी लोग उग्र आंदोलन की तैयारी में जुट रहे हैं। वन मंत्री का बंगला का घेराव जिलाध्यक्ष अरविंद वर्मा के नेतृत्व में किया गया।

प्रदेशाध्यक्ष रामकुमार सिन्हा, जिला सचिव अजय गुप्ता, उपाध्यक्ष सनत भतपहरी, महिला उपाध्यक्ष सितल वर्मा, ब्लाक अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा, कोमल साहु, अध्यक्ष खगेश साहु, नरोत्तम सिन्हा, तथा राजिव स्मृति वन, गोढ़ी नर्सरी, माना डिपो, माना नर्सरी, सोन डोंगरी, तिल्दा नेवरा, आरंग, पंडरी के लगभग 200 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी उपस्थित रहें!


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