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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। तेलीबांधा इलाके में शनिवार सुबह कारोबारी प्रहलाद राय अग्रवाल के ऑफिस के बाहर हुए शूट आउट को आरोपी शूटर 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। लेकिन इस शूट आउट की जिम्मेदारी मयंक सिंह गैंग ने ली है। गैंग के प्रमुख मयंक सिंह ने सोशल मीडिया फेसबुक में पोस्ट कर इसकी सूचना दी है।
कल तक यह बात सामने आई थी कि यह फायरिंग अमन साहू गैंग के शूटर ने की थी लेकिन रविवार सुबह गैंगस्टर मयंक सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि अमन साहू गैंग से मेरा पूर्व में रिश्ता अच्छा रहा है, लेकिन अब मैं अमन साहू और उसके गिरोह के भरोसे नहीं बैठे रहने वाला हूं।हम कारोबारी और उसके कर्मचारियों से बाद में निपटेंगे। सबसे पहले उस कंपनी में काम करने वाले स्टाफ और अधिकारियों के घर-परिवार वालों को तत्काल यमराज के दरवाजे तक पहुंचाने का काम करेंगे।
इसके बाद से पीआरए ग्रुप में हडक़ंप मचा हुआ है। और रायपुर पुलिस के लिए इनके डायरेक्टर को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती से रूप में देखा जा रहा है।
क्या मनमुटाव हो गया है...
मयंक को इस पोस्ट के बाद गैंग वार के जानकारों का मानना है कि लारेंस विश्नोई, अमन साहू और मयंक सिंह के बीच मनमुटाव या विवाद घर कर गया है। अब तक लारेंस के लिए अमन और अमन के लिए मयंक काम करते रहे हैं। इस पोस्ट में मयंक ने इसे स्पष्ट किया है कि वह स्वयं फैसले करेगा। यानी मयंक ने अमन से दूरी बनाने या बन जाने के संकेत दिए हैं। ऐसे में यह समझा जा रहा है कि पीआरए ग्रुप से रैनसम वसूली में दो गैंग से निपटना होगा। जो रायपुर पुलिस और अग्रवाल परिवार के लिए चुनौती मानी जा रही है ।
दूसरी ओर, झारखंड के गिरीडीह केंद्रीय जेल की महिला जेलर को जान से मारने की धमकी देने वाले अमन साहू गैंग के 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इन्हें व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए धमकी दी गई थी। गैंग के रोशन कुमार सिंह, अविनाश कुमार और अजय कुमार ठाकुर समेत शिवशंकर कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया। झारखंड एटीएस ने विज्ञप्ति जारी कर जानकारी की साझा कि है।