राष्ट्रीय

बजट में मध्यम वर्ग को कर राहत; रोजगार, छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर
23-Jul-2024 4:23 PM
बजट में मध्यम वर्ग को कर राहत; रोजगार, छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर

नयी दिल्ली, 23 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश आम बजट में आयकर मोर्चे पर कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी। साथ ही अगले पांच साल में रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के व्यय और नए गठबंधन सहयोगियों के राज्यों के लिए अधिक राशि का प्रावधान किया गया।

भाजपा को लोकसभा में चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के लिए ग्रामीण संकट और बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके बीच सीतारमण ने बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये रखे हैं।

उन्होंने अपना सातवां और नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर’ समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही मोबाइल फोन और सोने पर सीमा शुल्क में कटौती की और पूंजीगत लाभ कर को सरल बनाया।

हालांकि, उन्होंने प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प खंड में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ा दिया। इस कदम से शेयर बाजारों में गिरावट आई।

सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चिततताएं हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि एक अपवाद बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा ही रहेगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग और पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है।’’

वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेसवे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

बिहार को समर्थन पूंजीगत परियोजनाओं के रूप में है। यह सब्सिडी या नकद सहायता के रूप में नहीं है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल और भाजपा की सहयोगी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) राज्य के लिए आर्थिक पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है।

इसी तरह, आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी तेदेपा हाल ही में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हुई है।

मध्यम वर्ग के लिए, उन्होंने मानक कटौती 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी और नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया। मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से निश्चित राशि घाटा दी जाती है।

उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें कोई छूट भी नहीं है।

रोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि योगदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी प्रदान किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई है, लेकिन निजी एजेंसियां इसे कहीं अधिक ऊंचे स्तर पर रखती हैं।

सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है।

उन्होंने सकल बाजार उधारी को मामूली घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया।

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवास इकाइयों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।

इसके अलावा, मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।

बजट में उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। (भाषा) 

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news