विचार / लेख

@IASOUTHERN/ भूस्खलन के बाद से अब भी कऱीब 98 लोग लापता हैं।
-इमरान कुरैशी
केरल के वायनाड जि़ले में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन के कारण अब तक 150 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है।
भूस्खलन के बाद से अब भी कऱीब 98 लोग लापता हैं। भारी बारिश के कारण बुधवार सुबह तक रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा।
केरल के सीएम कार्यालय के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया- मेप्पाडी में 90, निलांबुर में 32 लोग मारे गए हैं।
कई अस्पतालों में 192 घायलों का इलाज चल रहा है।
वायनाड की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य बिपिन चेमबथाकरा ने बीबीसी हिंदी से कहा- ‘मेप्पाडी के चाय बागान में कितने लोग रहते थे, इस बारे में हमें नहीं पता है। यहां दूसरे राज्यों से आए बड़ी संख्या में मज़दूर काम किया करते थे। हमें लगता है कि भूस्खलन से पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं।’
वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा आज यानी 31 जुलाई को भूस्खलन से प्रभावित जगहों का दौरा करेंगे।
वायनाड भूस्खलन: क्या बातें मालूम हैं
30 जुलाई को तडक़े एक से तीन बजे के कऱीब भूस्खलन की घटनाएं हुईं।
भूस्खलनों ने वायनाड के चूरालमाला, मुंडाक्कई जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई।
राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ़, दमकल कर्मियों की मदद ली गई।
कई जगहों पर पुलों के बहने की ख़बरें आईं और बारिश भी लगातार होती रही, इस कारण राहत कार्य में मुश्किलें आईं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मरने वालों के परिवारों को दो लाख और घायलों के परिवारों को 50 हजार रुपये मुआवज़ा देने का ऐलान किया गया।
केरल के सीएम कार्यालय की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए। सेना से अस्थायी पुल बनाने के लिए मदद मांगी गई।
भूस्खलन की जगह मुंडाक्कई चाय के बागानों वाला एक छोटा सा कस्बा है, जहाँ असम और पश्चिम बंगाल के लोग बड़ी संख्या में काम करते हैं।
घटनास्थल पर सेना के पहुँचने से पहले एनडीआरएफ़ ने रस्सियों के सहारे शवों को बाहर निकाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 250 से ज़्यादा लोगों को बचाया गया।
वायनाड के बारे में कुछ अहम बातें
राज्य के मुख्य सचिव डॉ। वी वेणु ने मीडिया से 30 जुलाई को कहा, ‘कई लोग अब भी लापता हैं और मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। एक परेशानी ये भी है कि एक क्षेत्र पूरी तरह अलग-थलग है। हम उस क्षेत्र के बड़े हिस्से तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं।’
केरल के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 30 जुलाई को वायनाड, कोझीकोड, मल्लापुरम, कन्नूर में रेड अलर्ट जारी किया था।
केरल के आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से भूस्खलन संभावित जगहों से दूर रहने के लिए कहा।
वायनाड केरल का पहाड़ी इलाका है और यहां पर्यटकों की बड़ी संख्या घूमने जाती रही है।
कोझीकोड एयरपोर्ट से वायनाड की दूरी करीब 86 किलोमीटर है।
वायनाड कर्नाटक के कोडागू और मैसूर जिले से उत्तर और तमिलनाडु के नीलगिरी जिले से उत्तर पूर्व में है।
वायनाड में पहले भी कई बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और राहुल गांधी ने क्या है?
पीएम नरेंद्र मोदी ने भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की थी। पीएम मोदी ने पिनराई विजयन से भी बात की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर दुख जताते हुए घायलों के स्वस्थ होने और रेक्स्यू ऑपरेशन के सफल होने की कामना की।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘वायनाड में हुए भूस्खलन से व्यथित हूँ। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मैं दुख व्यक्त करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि जो लोग अब भी फँसे हैं, उन्हें जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।’
राहुल गांधी ने कंट्रोल रूम बनाने की गुज़ारिश करते हुए कहा था कि राहत कार्य में अगर कोई ज़रूरत हो तो हमें बताएं। राहुल ने यूडीएफ़ कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में मदद करने की अपील की थी।
प्रियंका गांधी ने भी भूस्खलन की घटना पर दुख जताया। वायनाड की सीट राहुल गांधी के छोडऩे के बाद प्रियंका गांधी इस सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।
पीएम मोदी ने भी केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया करवाने की बात कही है। (bbc.com/hindi)